चंडीगढ़, 8 सितंबर : पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि राज्य में आई भीषण बाढ़ को देखते हुए पशुपालन विभाग की 481 टीमें लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की देखभाल और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटी हुई हैं। प्रत्येक टीम में चार सदस्य शामिल हैं, जिनमें एक वैटरनरी अधिकारी, वैटरनरी निरीक्षक/फार्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होता है।
बड़ी संख्या में पशुओं की मौत
उन्होंने जानकारी दी कि बाढ़ के चलते पंजाब के 14 जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, कपूरथला, बरनाला, बठिंडा, होशियारपुर, तरन तारन, पटियाला, जालंधर, रूपनगर और मोगा में भारी नुकसान हुआ है। इन जिलों में 504 गायों/भैंसों, 73 भेड़-बकरियों और 160 सूअरों की मौत हुई है, जबकि पोल्ट्री शेड ढहने से गुरदासपुर, रूपनगर और फाजिल्का में 18,304 पोल्ट्री पक्षी मरे हैं। कुल मिलाकर 2.52 लाख पशुधन और 5.88 लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षी प्रभावित हुए हैं।
जनता से राहत कार्यों में सहयोग की अपील
श्री खुड्डियां ने बताया कि अब तक 22,534 जानवरों का इलाज किया जा चुका है। इसके अलावा राहत कार्यों में बेहतर तालमेल और आपात स्थिति से निपटने के लिए मुख्यालय (संपर्क नंबर 0172-5086064) और जिला स्तरीय कार्यालयों में 24×7 सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे राहत कार्यों में सहयोग करें और पशुओं से जुड़ी किसी भी समस्या की जानकारी तुरंत कंट्रोल रूम में दें।
उन्होंने बताया कि विभाग ने जिला प्रशासन और सामाजिक संगठनों के सहयोग से बाढ़ प्रभावित जिलों में 12,170 क्विंटल से अधिक फीड, 5090.35 क्विंटल हरा-चारा, सूखा-चारा और साइलज वितरित किया है। इसके अलावा पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यूरोमिन लिक्स भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
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