नई दिल्लीन, 9 दिसम्बर : “लोग महंगे बादाम तो खूब खाते हैं, लेकिन 5 मिनट बाद घर की चाबी भूल जाते हैं या कमरे में घुसते ही सोचते हैं, ‘यहां क्यों आए थे?'” ” सच कड़वा होता है, पर सुनो – अगर सिर्फ़ बादाम खाने से दिमाग तेज़ होता, तो बादाम बेचने वाला दुनिया का सबसे बड़ा वैज्ञानिक होता। आपको बता दें, आपका दिमाग एक सुपर कंप्यूटर है और इसे चलाने के लिए आपको सिर्फ़ अच्छे ‘हार्डवेयर’ की ही नहीं, बल्कि सही ‘सॉफ्टवेयर’ की भी ज़रूरत होती है। आइए जानते हैं वो 5 आदतें जो वाकई आपके दिमाग को ‘AI’ जितना तेज़ बना सकती हैं।”
अपने मस्तिष्क के सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहें
जैसे आपके फ़ोन को समय-समय पर अपडेट करने की ज़रूरत होती है, वैसे ही आपके दिमाग को भी। अगर आप रोज़ एक ही काम करते रहेंगे, तो आपका दिमाग सुस्त हो जाएगा। उसे चुनौती देना शुरू करें। कोई नई भाषा सीखें, सुडोकू खेलें, या कोई वाद्य यंत्र बजाना सीखें। जब आप कुछ नया सीखते हैं, तो आपके दिमाग में नए रास्ते बनते हैं, जिससे आपकी सोचने की शक्ति बढ़ती है।
‘स्लीप मोड’ सबसे महत्वपूर्ण है
क्या आपने कभी सोचा है कि थका हुआ कंप्यूटर हैंग क्यों हो जाता है? हमारे दिमाग के साथ भी यही होता है। दिन भर की जानकारी को सही जगह ‘सेव’ करने के लिए दिमाग को नींद की ज़रूरत होती है। रोज़ाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना सिर्फ़ आराम नहीं, बल्कि दिमाग की ‘याददाश्त’ को मज़बूत करने का समय है। अच्छी नींद के बिना, आप चाहे कितने भी बादाम खा लें, दिमाग अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाएगा।
मल्टीटास्किंग बंद करें, ‘फोकस मोड’ चालू करें
हम अक्सर सोचते हैं कि एक साथ चार काम करना स्मार्टनेस है, लेकिन यह दिमाग के लिए ज़हर है। जब आप एक साथ कई काम करते हैं, तो आपका दिमाग किसी एक चीज़ पर 100% ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता। एआई जितना स्मार्ट बनने के लिए, ‘सिंगल टास्किंग’ की आदत डालें। एक समय में केवल एक ही काम करें और उसी पर पूरा ध्यान केंद्रित करें। इससे आपकी एकाग्रता में काफ़ी वृद्धि होगी।
शरीर चलेगा तभी मन चलेगा
व्यायाम सिर्फ़ शरीर के निर्माण के लिए ही नहीं, बल्कि मस्तिष्क के लिए ‘ईंधन’ का भी काम करता है। जब आप दौड़ते हैं या व्यायाम करते हैं, तो मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है। इससे मस्तिष्क के वे हिस्से सक्रिय हो जाते हैं जो याददाश्त और सीखने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। रोज़ाना सिर्फ़ 20 मिनट की सैर भी आपके मस्तिष्क को ‘रीबूट’ कर सकती है।
ध्यान का ‘एंटी-वायरस’ उपयोग
आजकल दिन भर हमारे दिमाग में हज़ारों बेकार विचार और तनाव घूमते रहते हैं। यह एक वायरस की तरह है जो दिमाग की गति को धीमा कर देता है। इसे दूर करने के लिए ध्यान सबसे अच्छा एंटी-वायरस है। बस रोज़ सुबह 10 मिनट के लिए चुपचाप बैठें और अपनी साँसों पर ध्यान केंद्रित करें। इससे दिमाग की अव्यवस्था दूर होती है और सोच में स्पष्टता आती है।
बादाम खाना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन अगर आप अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में ये 5 आदतें शामिल कर लें, तो आपको खुद फ़र्क़ महसूस होगा। याद रखें, तेज़ दिमाग़ रातोंरात नहीं बनता, ये आपकी रोज़ाना की छोटी-छोटी आदतों का नतीजा होता है।
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