चंडीगढ़, 20 मार्च : पिछले 13 महीनों से शम्भू खनौरी बार्डर पर बैठे किसानों को पंजाब की भगवंत मान सरकार ने जबरदस्ती उठा दिया। देर रात बुल्ड चले पुलिस के बुल्डोजर ने शम्भू-खनौरी बार्डर पर धरना लगाए बैठे किसानों के तम्बुओं को उखाड़ फेंका और इसके साथ ही पंजाब की राजनीति भी गर्म हो गई।
आईए समझते हैं किसानेां पर चले बुल्डोजर की क्रोनोलॉजी…
जैसा की हमें मालूम है कि किसान अपनी मांगों को लेकर पहले दिल्ली के बार्डरों पर एक साल तक धरना लगा चुके हैं, लेकिन मांगें नहीं मानी गई और अब फिर से किसानों ने एम.एस.पी. सहित अन्य मांगों को मनवाने के लिए दिल्ली का रुख करना चाहा लेकिन हरियाणा की सरकार ने शम्भू खनौरी बार्डर पर भारी पुलिस बल तैनात कर उन्हें आगे नहीं बढऩे दिया था और किसान वहीं बीच रोड में ही तम्बु गाड़ कर पिछले 13 महीनों से बैठे थे।
किसानों से आखिर क्यों परेशान होने लगी पंजाब सरकार
जब दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर किसान बड़ी संख्या में पहुंचे थे और उन्हेांने पूरी दिल्ली को घेर लिया था, तब आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और पंजाब से भगवंत मान ने किसानों का पूरा समर्थन किया था और उनकी मांगों को जायज ठहराते हुए केंद्र की मोदी सरकार से उनकी मांगें पूरी करने को कहा था।
अब जब किसानों ने एम.एस.पी. को लेकर पंजाब में बनी आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार को घेरना शुरु किया तो जवाब देना मुश्किल होने लगा। कुछ समय बाद पंजाब में भी विधानसभा के चुनाव आने वाले हैं और लोगों को किसानों के धरने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
10 दिनों के लिए पंजाब पहुंचे अरविंद केजरीवाल के समक्ष भी लुधियाना के व्यापारियों ने किसानों द्वारा धरना लगा कर रास्ता बंद कर दिए जाने से पंजाब का व्यापार प्रभावित होने की शिकायतें की थी।
किसानों के रास्ता बंद करने से व्यापार को नुकसान
पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि किसानों द्वारा शम्भू खनौरी बार्डर बंद कर देने से पंजाब को आर्थिक रूप से नुकसान झेलना पड़ रहा है क्योंकि व्यापारियों को व्यापार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मान सरकार ने किसानों की पीठ में छूरा घोंपा : हरसिमरत कौर बादल
बीती रात पंजाब सरकार के आदेशों पर पुलिस ने बुल्डोजर कार्रवाई करते हुए जब किसानों के तम्बू उखड़ फेंके और किसान नेताओं डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर सहित अन्य किसानों को डिटेन कर लिया तो अकाली दल की वरिष्ठ नेता और सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि भगवंत मान सरकार ने किसानों बातचीत के बहाने किसानों के पीठ में छूरा घोंपा है।
जिस का जवाब उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में मिल जाएगा। उन्हेांने कहा कि यह वही भगवंत मान है जिसने चुनावों के दौरान किसानों को कहा था कि मैं चुटकियों में एम.एस.पी. की गारंटी दे दूंगा।
केंद्र और किसानों के बीच बनती बात से नाराज थे मुख्यमंत्री : बिट्टू
भाजपा के वरिष्ठ नेता और लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच अच्छे माहौल में हो रही बातचीत से मुख्यमंत्री भगवंत मान नाराज थे। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले भी मुख्यमंत्री मान किसानों पर भडक़े थे और कहा था कि ‘तुम धरने ही लगा लो’।
रवनीत बिट्टू ने कहा कि जब किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली का रुख करते हैं तो ‘आप’ उनका समर्थन करने लगते हैं और जब वही किसान अपनी मांगों को लेकर आप से (पंजाब सरकार) सवाल करते हैं तो मान साहिब उन पर भडक़ जाते हैं, यह आम आदमी पार्टी का दोहरा चरित्र दिखाता है जो सिर्फ केंद्र की मोदी सरकार को घेरना चाहती है इसे किसानों के साथ कोई हमदर्दी नहीं।
यह भी देखें : https://bharatdes.com/bulldozers-ran-late-at-night-the-road-to-shambhu-khanauri-border-opened-after-13-months/
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