October 6, 2025

माधोपुर गेट ढहने के मामले में निजी कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी

माधोपुर गेट ढहने के मामले में निजी कंपनी...

चंडीगढ़, 24 सितंबर : राज्य सरकार माधोपुर हेडवर्क्स गेट गिरने के मामले में लेवल बिज़ प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैकलिस्ट कर सकती है। सरकार पहले ही जल संसाधन विभाग के एक्ससी समेत तीन अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर चुकी है। सूत्रों का कहना है कि सरकार 26 सितंबर को विधानसभा के विशेष सत्र से पहले कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की घोषणा कर सकती है।

जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने पिछले दिनों लेवल बिज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को नोटिस जारी करने की जानकारी दी थी। गोयल ने दावा किया था कि कंपनी ने माधोपुर हेड वर्क्स के गेटों की सही स्थिति के बारे में अपनी तकनीकी रिपोर्ट सरकार को दे दी है। लगातार बारिश के कारण रावी नदी में भारी पानी आने से रणजीत सागर बांध में पानी का प्रवाह बढ़ गया, जिसके कारण 27 अगस्त को तीन फ्लड गेट टूट गए।

इतिहास में यह पहली बार है कि हेड वर्क्स का बांध टूटा

टूटे गेटों के कारण जल संसाधन विभाग के एक कर्मचारी की पानी में बह जाने से मौत हो गई। देश या प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार है कि हेड वर्क्स का बांध टूटा है। जिससे राज्य सरकार काफी नाराज हुई थी। जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा था कि घटना के मद्देनजर निजी कंपनी को नोटिस जारी किया जाए और जाँच कराई जाए।

बताया जा रहा है कि विभाग के प्रमुख सचिव ने जाँच रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी है। इसके बाद विभाग के कार्य अधिकारी नितिन सूद, एसडीओ अरुण कुमार और जेई सचिन को निलंबित कर दिया गया है। अब सरकार ने उक्त कंपनी को भी काली सूची में डालने की तैयारी शुरू कर दी है।

कंपनी को काली सूची में डाला जा सकता है

जानकारी के अनुसार, राज्य बांध सुरक्षा संगठन के निदेशक ने मामले की निष्पक्ष जाँच के लिए ए.के. बजाज के नेतृत्व में 5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है। समिति में प्रदीप कुमार गुप्ता, संजीव सूरी, एन.के. जैन और व्यास देव शामिल हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने माना कि कंपनी को काली सूची में डाला जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि जल संसाधन विभाग विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देने और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए बाढ़ पर एक पूरी रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इस बीच, शिरोमणि अकाली दल गेट टूटने की घटना की न्यायिक जाँच की माँग कर रहा है।

पिछले कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ से पंजाब को भारी नुकसान हुआ है। सरकार के अनुसार, 2555 गाँवों और कस्बों के 389445 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, 57 पशुधन भी नष्ट हो गए हैं।

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