October 7, 2025

वांगचुक की पत्नी की याचिका पर केंद्र और लद्दाख को नोटिस

वांगचुक की पत्नी की याचिका...

नई दिल्ली, 7 अक्तूबर : सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत उनकी नज़रबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से जवाब मांगा है। याचिका में वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग की गई है। हालाँकि, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने सोनम वांगचुक की नज़रबंदी के कारणों के बारे में उनकी पत्नी को जानकारी देने का आदेश देने से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। पीठ ने कहा, “अब तक कुछ कदम उठाए गए हैं।”

पत्नी को हिरासत का कारण बताने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं

वांगचुक की पत्नी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वांगचुक की हिरासत का कारण उन्हें (इंगमो) बताया जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि जिन कारणों से वांगचुक को हिरासत में लिया गया है, वे बंदी (वांगचुक) को बता दिए गए हैं। मेहता ने कहा कि उनकी पत्नी गीतांजलि को वांगचुक की हिरासत का कारण बताने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है।

सिब्बल ने हिरासत के कारण बताने के लिए एक अंतरिम आदेश की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि हिरासत के आदेशों को बिना प्रति के चुनौती नहीं दी जा सकती। इस पर न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, “हम इस समय कुछ नहीं कहेंगे।” हालाँकि, पीठ ने सॉलिसिटर जनरल के इस कथन पर गौर किया कि वह हिरासत के आधार पर जानकारी प्रदान करने की व्यवहार्यता की जाँच करेंगे। शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को जेल नियमों के अनुसार वांगचुक की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने का निर्देश दिया।

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