October 8, 2025

पंजाब में अक्टूबर में बारिश ने पिछले 70 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

पंजाब में अक्टूबर में बारिश ने...

जालंधर, 8 अक्तूबर : पंजाब में अक्टूबर महीने में हुई बारिश ने पिछले 70 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने पंजाब के किसानों की चिंताएँ बढ़ा दी हैं। खेतों में कटाई के लिए तैयार खड़ी फसल और मंडियों में लाए गए धान, दोनों को नुकसान पहुँच रहा है। वहीं दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश में जारी बारिश के कारण बांधों से पानी छोड़े जाने से नदी किनारे बसे गाँवों में एक बार फिर पानी भरने लगा है।

कई जिलों में भारी बारिश हुई

मंगलवार को भी राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हुई। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से खेतों में पकी हुई धान की फसल बिछ गई। मंडियों में पहुंचा अधिकांश धान भीग गया। इस बेमौसम बारिश ने उन किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा दी हैं जो मानसून के मौसम में बाढ़ और भारी बारिश से बची हुई फसल को काटने की तैयारी कर रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब में अक्टूबर में बारिश का 70 साल का रिकॉर्ड टूट गया है।

पिछले 24 घंटों के दौरान, पंजाब में 8.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि 7 अक्टूबर के लिए सामान्य बारिश 0.2 मिलीमीटर है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1955 से 2024 तक, 7 अक्टूबर को इतनी बारिश कभी नहीं हुई और न ही अक्टूबर के पहले सप्ताह में इतनी बारिश हुई है। इस बीच, हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण बांधों में जलस्तर फिर बढ़ गया है, जिससे सतलुज, ब्यास और रावी के किनारे के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

धान की फसल फिर से पानी में डूब गई

मंगलवार को पौंग बांध में जलस्तर 1,384.57 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान (1390 फीट) से केवल 5.43 फीट नीचे है। अपने 51 साल के इतिहास में पहली बार, अक्टूबर में पौंग बांध के सभी छह स्पिलवे गेट खोलने पड़े। दो महीने में तीसरी बार सतलुज का पानी फाजिल्का और फिरोजपुर में खेतों में भर गया। गांव झंगर भैणी निवासी परमजीत सिंह ने कहा कि सतलुज में जलस्तर बढ़ने से कटाई के लिए तैयार हो रही धान की फसल फिर से पानी में डूब गई है।

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