नई दिल्ली, 15 अक्तूबर : विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण विटामिन है। यह मज़बूत हड्डियों, मज़बूत प्रतिरक्षा प्रणाली और अच्छे मूड के लिए ज़रूरी है। हालाँकि, वर्तमान में आबादी का एक बड़ा हिस्सा विटामिन डी की कमी से जूझ रहा है। विटामिन डी की कमी से हड्डियों में दर्द, बार-बार बीमार पड़ना, बालों का झड़ना और मांसपेशियों में दर्द जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।
इसलिए, विटामिन डी की कमी से बचना ज़रूरी है। हालाँकि, सिर्फ़ धूप में बैठना विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। यह सुनिश्चित करना भी ज़रूरी है कि हमारा शरीर इसे ठीक से अवशोषित करे। आइए विटामिन डी के अवशोषण को बढ़ाने के कुछ उपायों पर गौर करें।
सही समय पर और सही तरीके से सूर्य का प्रकाश प्राप्त करें
सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है, लेकिन सूर्य के प्रकाश में रहने का तरीका और समय बहुत महत्वपूर्ण है। सही समय: सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच सूर्य का प्रकाश सबसे प्रभावी माना जाता है, क्योंकि इस समय सूर्य की किरणों में UVB विकिरण की मात्रा सबसे अधिक होती है। यही विकिरण हमारी त्वचा में विटामिन D के संश्लेषण के लिए ज़िम्मेदार होता है।
सही समय: रोज़ाना लगभग 15-20 मिनट सीधी धूप में रहना पर्याप्त है। पूरे शरीर को धूप में रखना ज़रूरी नहीं है; हाथ, पैर और चेहरे को भी धूप में रखना पर्याप्त है।
ध्यान रखें: सांवली त्वचा विटामिन डी के उत्पादन को धीमा कर सकती है, इसलिए आपको धूप में थोड़ा ज़्यादा समय बिताना पड़ सकता है। सनस्क्रीन लगाने से पहले कुछ देर बिना सनस्क्रीन लगाए रहना भी मददगार होता है।
अपने आहार में स्वस्थ वसा शामिल करें
विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है। इसका मतलब है कि यह शरीर में केवल वसा की उपस्थिति में ही घुलता है और ठीक से अवशोषित होता है। इसलिए सिर्फ़ विटामिन डी से भरपूर आहार लेना ही काफ़ी नहीं है; इसे स्वस्थ वसा के साथ लेना भी ज़रूरी है।
स्वस्थ वसा के स्रोत – अपने आहार में एवोकाडो, बादाम, अखरोट, जैतून का तेल, अलसी, बीज और वसायुक्त मछली शामिल करें।
इसे कैसे लें – अगर आप विटामिन डी सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो इसे खाने के साथ लें, खासकर ऐसे खाद्य पदार्थों के साथ जिनमें थोड़ी मात्रा में स्वस्थ वसा हो। दूध या दही जैसे डेयरी उत्पादों में भी विटामिन डी और थोड़ी वसा होती है।
अपने पेट के स्वास्थ्य का ध्यान रखें
हमारा पाचन तंत्र या आंत पोषक तत्वों के अवशोषण का केंद्र है। अगर आंत का स्वास्थ्य खराब है, तो आप चाहे कितना भी पोषण लें, उसका अवशोषण ठीक से नहीं होगा। विटामिन डी का अवशोषण भी इसी प्रक्रिया पर निर्भर करता है।
प्रोबायोटिक्स ज़रूरी हैं – प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखते हैं। दही, लस्सी, इडली, डोसा, किमची और अन्य किण्वित खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स के अच्छे स्रोत हैं।
फाइबर से भरपूर आहार – प्रीबायोटिक्स भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये प्रोबायोटिक बैक्टीरिया के लिए भोजन प्रदान करते हैं। विटामिन डी सहित सभी वसा-घुलनशील विटामिनों के अवशोषण के लिए एक स्वस्थ आंत आवश्यक है।
कैफीन और शराब का सेवन सीमित करें
जीवनशैली की कुछ आदतें विटामिन डी के चयापचय और अवशोषण में बाधा डाल सकती हैं। इनमें कैफीन और अल्कोहल शामिल हैं।
कैफीन – कॉफी, चाय या ऊर्जा पेय की अत्यधिक मात्रा विटामिन डी रिसेप्टर्स को प्रभावित कर सकती है, जिससे इसका अवशोषण कम हो सकता है।
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