मथुरा, 19 अक्तूबर : सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंध समिति के निर्देश पर रविवार को लगातार दूसरे दिन ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का खजाना (तोशाखाना) खोला गया। शनिवार को जब खजाना खोला गया तो अंदर मिले संदूक में बर्तन और एक चांदी का छत्र मिला। दो और संदूक बचे थे, जिन्हें रविवार को खोला गया। अभी तक इन संदूकों से केवल बर्तन ही मिले हैं। दोपहर करीब डेढ़ बजे शुरू हुआ अभियान अभी भी जारी है।
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का खजाना दूसरे दिन भी खुला रहा
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर परिसर में स्थित खजाने को आखिरी बार 1971 में खोला गया था। यह खजाना 54 सालों से बंद था। हालांकि, 1971 में जब यह खजाना खोला गया था, तब सारा सामान एक बक्से में बंद करके भारतीय स्टेट बैंक के लॉकर में रख दिया गया था। ऐसे में जब शनिवार को 54 साल बाद खजाने को खोला गया, तो उसमें सिर्फ पुराने बर्तन और एक छोटा चांदी का छत्र ही मिला। शनिवार को मिले चार लोहे के बक्सों में से सिर्फ दो ही खुले थे। जबकि एक पुराना लकड़ी का बक्सा भी खोला गया, जिसमें खाली आभूषणों के डिब्बे मिले।
बंद बक्से खोले गए और उनमें पुराने बर्तन भी मिले
रविवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन शिप्रा दुबे की निगरानी में शेष दो बंद लोहे के बक्से खोले गए। कार्यवाही दोपहर तक जारी रही।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “इतना लालच भी ठीक नहीं”
इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट के ज़रिए भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैं भाजपा सरकार से विनम्र निवेदन करता हूँ कि कम से कम मंदिर का खजाना तो छोड़ ही दें। इतना ज़्यादा लालच भी ठीक नहीं है।”
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