इस्लामाबाद, 9 नवम्बर : पाकिस्तान में सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर को असीमित अधिकार देने के लिए संविधान में संशोधन किया जा रहा है। शनिवार को संसद के ऊपरी सदन सीनेट में 27वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया। इस विधेयक के जरिए महत्वपूर्ण अनुच्छेद 243 में बदलाव किया जाना है, जिसके बाद जनरल मुनीर पाकिस्तान के दूसरे सबसे शक्तिशाली अधिकारी बन जाएंगे।
संशोधन से संविधान अर्थहीन हो जाएगा
उनके पास सेना की तीनों शाखाओं की एकीकृत कमान के प्रमुख का पद भी होगा। माना जा रहा है कि इसके साथ ही वह राष्ट्रपति के समकक्ष बन सकते हैं। संविधान संशोधन को खतरनाक बताते हुए विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है। रविवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। विरोधियों का आरोप है कि इस संशोधन से संविधान अर्थहीन हो जाएगा।
विपक्षी गठबंधन तहरीक-ए-तहाफुज ऐन-ए-पाकिस्तान (टीटीएपी) ने संविधान संशोधन के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की थी। इसमें मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लिमीन (एमडब्ल्यूएम), पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी), बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मंगल (बीएनपी-एम) और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) शामिल हैं।
अनुच्छेद 175 के साथ न्यायपालिका का अंत
इस संवैधानिक संशोधन के गुण-दोषों पर कानूनी विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि इस संशोधन से सर्वोच्च न्यायालय का दर्जा कम हो जाएगा। संशोधन के बाद, सर्वोच्च न्यायिक मंच की जगह प्रस्तावित संघीय संवैधानिक न्यायालय (FCC) ले लेगा।
हालांकि, डॉन अखबार के अनुसार, संविधान संशोधन के समर्थकों का कहना है कि इन बदलावों से न्यायपालिका का आधुनिकीकरण होगा, लंबित मुकदमों में कमी आएगी और संवैधानिक तथा अपीलीय क्षेत्राधिकार अलग-अलग होंगे। इससे न्यायिक व्यवस्था की मजबूती और स्पष्टता बढ़ेगी।
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