November 20, 2025

लापता बच्चों की समस्या से चिंतित सुप्रीम कोर्ट, बच्चे गोद लेने प्रक्रिया सरल करने पर जोर

लापता बच्चों की समस्या से चिंतित सुप्रीम कोर्ट...

नई दिल्ली, 19 नवम्बर : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक खबर पर चिंता जताई जिसमें दावा किया गया था कि देश में हर आठ मिनट में एक बच्चा लापता हो जाता है और इसे एक गंभीर मुद्दा बताया। जस्टिस बी.वी. नागरत्न और आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि देश में गोद लेने की प्रक्रिया कठिन है, इसलिए स्वाभाविक है कि इसे नजरअंदाज किया जाता है और लोग बच्चे पाने के लिए अवैध तरीकों का सहारा लेते हैं।

हर आठ मिनट में एक बच्चा लापता हो जाता है

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने का भी अनुरोध किया। जस्टिस नागरत्न ने मौखिक रूप से कहा, “मैंने एक अखबार में पढ़ा है कि हर आठ मिनट में एक बच्चा लापता हो जाता है। मुझे नहीं पता कि यह सच है या नहीं। लेकिन यह एक गंभीर मुद्दा है।” सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने लापता बच्चों के मामलों को देखने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए छह सप्ताह का समय मांगा।

पोर्टल पर किसी गुमशुदा बच्चे की शिकायत प्राप्त हो

सुप्रीम कोर्ट ने छह सप्ताह का समय देने से इनकार कर दिया और एएसजी से 9 दिसंबर तक प्रक्रिया पूरी करने को कहा। 14 अक्टूबर को, पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुमशुदा बच्चों के मामलों को देखने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने और उनके नाम व संपर्क विवरण महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य पोर्टल पर प्रकाशित करने के लिए उपलब्ध कराने को कहे।

पीठ ने यह भी निर्देश दिया था कि जब भी पोर्टल पर किसी गुमशुदा बच्चे की शिकायत प्राप्त हो, तो उसकी सूचना तुरंत संबंधित नोडल अधिकारियों के साथ साझा की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पहले केंद्र सरकार से गुमशुदा बच्चों का पता लगाने और ऐसे मामलों की जाँच के लिए गृह मंत्रालय के अधीन समर्पित ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करने का निर्देश दिया था।

यह भी देखें : बाबा सिद्दीकी मामला: अनमोल बिश्नोई अमेरिका से डिपोर्ट