मोगा, 22 नवम्बर : विजिलेंस ब्यूरो ने मोगा एनएच-71 परियोजना के तथ्यान्वेषण और पुराने रिकॉर्ड की जाँच में कथित लापरवाही के लिए धर्मकोट की तत्कालीन एसडीएम और मोगा की निलंबित एडीसी चारुमिता, लोक निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त कार्यकारी अभियंता वीके कपूर और धर्मकोट के तत्कालीन तहसीलदार (मंडल राजस्व अधिकारी) मनिंदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एसएसपी विजिलेंस फिरोजपुर मंजीत सिंह ने उपरोक्त अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है।
जालंधर-मोगा-बरनाला एनएच 703 (अब 71) के लिए भूमि अधिग्रहण परियोजना में लापरवाही बरतने के आरोप में डॉ. चारुमिता को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ पहले भी आरोप पत्र जारी किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार, जसविंदर सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर अपनी अर्जी में कहा है कि वह 1986 से बहादुरवाला गाँव में लगभग 2 कनाल 19 मरले ज़मीन के मालिक हैं।
उनकी ज़मीन 11 साल पहले एनएच-71 परियोजना के तहत अधिग्रहित की गई थी, लेकिन उन्हें मुआवज़ा नहीं दिया जा रहा था। राजस्व अधिकारी दावा कर रहे हैं कि नियमों के अनुसार, इस ज़मीन का केवल सहमति पुरस्कार पारित किया गया था और पूरी मुआवज़ा राशि सरकारी खजाने में पड़ी है।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा इस ज़मीन पर मालिकाना हक जताने और जसविंदर सिंह द्वारा मुआवज़े की मांग को लेकर हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करने के बाद राजस्व विभाग असमंजस में है। राजस्व विभाग के पास लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा वर्ष 1963 में ज़मीन अधिग्रहण का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस संबंध में, पुराने गुम हुए रिकॉर्ड को लेकर इसी साल 19 सितंबर को कैंट फिरोजपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। राजस्व विभाग के कई अधिकारी इस रिकॉर्ड को ढूँढने की कोशिश कर रहे हैं।
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