चंडीगढ़, 28 नवम्बर : अमृतपाल सिंह ने एक बार फिर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अमृतपाल ने गृह सचिव के उस आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत उनकी अस्थायी रिहाई की अर्जी खारिज कर दी गई थी। पिछले हफ्ते, उच्च न्यायालय ने पंजाब के गृह सचिव को एक हफ्ते के भीतर अमृतपाल की रिहाई पर फैसला लेने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगा
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पंजाब के गृह विभाग को खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह द्वारा दायर अभ्यावेदन याचिका पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया। यह अभ्यावेदन याचिका आगामी शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए जेल से उनकी रिहाई से संबंधित है। न्यायालय ने कहा कि यदि संभव हो तो संसद सत्र शुरू होने से पहले निर्णय लिया जाए और इसकी सूचना अमृतपाल को भी दी जाए।
शीतकालीन सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी
मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया जिसमें अमृतपाल सिंह ने एक से 19 दिसंबर तक होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी है। अमृतपाल वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है। अमृतपाल ने अदालत से कहा कि वह एनएसए की धारा 15 के तहत अंतरिम रिहाई या पैरोल चाहते हैं ताकि वह संसद में अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठा सकें। इसके अलावा, उन्होंने वैकल्पिक रूप से यह भी अनुरोध किया है कि सरकार संसद में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करे।
लगभग 19 लाख मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए अमृतपाल ने तर्क दिया कि संसद में उनकी उपस्थिति आवश्यक है ताकि वे लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप अपने निर्वाचन क्षेत्र की चिंताओं और मुद्दों को उठा सकें। 13 नवंबर को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय, पंजाब सरकार और अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट को भी अपने ज्ञापन भेजे थे, जिन पर निर्णय लेने के लिए उच्च न्यायालय से अपील की गई है।
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