जासं, हापुड़, 28 नवम्बर : तीर्थनगरी ब्रजघाट के मुख्य श्मशान घाट पर गुरुवार दोपहर करीब डेढ़ बजे अफरा-तफरी मच गई। अंतिम संस्कार के लिए लाए गए शव के कपड़े हटाए गए तो वह मानव शव नहीं, बल्कि प्लास्टिक और कपड़े से बनी एक डमी थी। स्थानीय पंडितों और लोगों ने शव लाने वाले दो लोगों की कार की जांच की तो उसकी डिक्की में दो और डमी मिलीं। पुलिस ने दिल्ली निवासी कमल कुमार सोमानी और उसके दोस्त आशीष खुराना को गिरफ्तार कर लिया है।
कर्ज ने रचाई खतरनाक योजना
कमल ने पुलिस को बताया कि उसकी दिल्ली में कपड़े की दुकान है। 50-55 लाख रुपये के कर्ज के कारण वह डिप्रेशन में था। प्रयागराज का अंशुल कुमार कई सालों से उसकी दुकान पर काम कर रहा था। अंशुल के भाई नीरज ने भी कुछ समय तक दुकान पर काम किया था। उसने अंशुल की बीमा पॉलिसी कराकर धोखाधड़ी से बीमा की रकम हड़पने का प्लान बनाया। करीब एक साल पहले उसने किसी जरूरी काम के बहाने अंशुल का आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो और हस्ताक्षर ले लिए। फिर उसने टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से अंशुल के नाम पर 50 लाख रुपये की जीवन बीमा पॉलिसी ली।
फर्जी दस्तावेज़ों से 50 लाख की पॉलिसी
पॉलिसी चालू रहे, इसके लिए वह सभी प्रीमियम (किश्तें) खुद भरता रहा। बीमा कराने के बाद वह एक साल पूरा होने का इंतजार कर रहा था। 21 और 22 नवंबर को उसने अपने साथियों को बताया कि अंशुल की तबीयत खराब है, जिसके चलते उसे दिल्ली के पालम स्थित अंसारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 26 नवंबर की रात उसने अफवाह फैला दी कि डॉक्टरों ने अंशुल को मृत घोषित कर दिया है। अस्पताल स्टाफ ने उन्हें सीलबंद ताबूत थमा दिया। इसके बाद वह दुकान के लिए खरीदी गई मानव आकार की डमी ले गए। उसे शव की तरह सफेद कपड़े में सील कर अपनी कार में रख लिया।
पंडितों ने रस्मों के दौरान खोली सारी साज़िश
उन्होंने अपने दोस्त आशीष खुराना से कहा कि उन्हें कर्मचारी का अंतिम संस्कार करने उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गणमुक्तेश्वर स्थित ब्रजघाट जाना है। कार चलाने की बात कहकर वह अपने दोस्त को साथ ले गए। दोनों बृहस्पतिवार दोपहर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे। उनकी योजना यहां दाह संस्कार के बाद मिली पर्ची से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने और 50 लाख रुपये का दावा करने की थी।
श्मशान घाट पर जब पंडितों ने अंतिम स्नान और वस्त्र बदलवाने की रस्म शुरू की तो डमी की पोल खुल गई। डमी में वजन के हिसाब से रेत भरी गई थी। चेहरा कपड़े से ढका हुआ था। आशंका है कि अंशुल वास्तव में बीमा राशि मिलने के बाद राज खुलने के डर से गायब हो गया होगा। एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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