चंडीगढ़, 12 दिसम्बर : पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ प्रशासन को निर्देश दिया है कि अदालत परिसर में प्रस्तावित 11 लाख वर्ग फुट के नए ब्लॉक के डिजाइन का ठेका नोएडा स्थित एक सलाहकार फर्म को दिया जाए, जिसका नाम उच्च न्यायालय समिति की बैठकों में पहले ही तय हो चुका है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस कार्य के लिए सामान्य अनिवार्य निविदा प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है।
सलाहकार के चयन में देरी नहीं होनी चाहिए
न्यायालय ने स्वीकार किया कि परिसर में लंबे समय से स्थान की गंभीर कमी है और इस विशेष परिस्थिति में एकल स्रोत चयन पद्धति अपनाई जा सकती है। पीठ के अनुसार, संशोधित मास्टर प्लान को लागू करने के लिए उपलब्ध स्थान बहुत सीमित है, इसलिए सलाहकार के चयन में देरी नहीं होनी चाहिए।
अदालत ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार, बड़ी परियोजनाओं का आवंटन केवल निविदा प्रक्रिया के माध्यम से ही किया जाता है। यदि निविदाएं आमंत्रित की जातीं, तो इसमें कम से कम दो महीने लग जाते। लेकिन नए ब्लॉक का अंतिम डिज़ाइन 31 दिसंबर तक यूनेस्को के सक्षम प्राधिकारी को भेजना अनिवार्य है, ताकि इसे अगले वर्ष विचाराधीन प्रस्तावों में शामिल किया जा सके। समय सीमा को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने प्रत्यक्ष चयन प्रक्रिया अपनाने की विशेष अनुमति दी है।
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