चंडीगढ़, 12 दिसम्बर : कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी भूपेश बघेल ने पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू के निलंबन पर पंजाब कांग्रेस का समर्थन किया है। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को इस मामले पर चुप रहने की फटकार भी लगाई है। गौरतलब है कि नवजोत कौर सिद्धू के बयानों के कारण कांग्रेस में फूट पड़ गई है, जिससे पार्टी को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है।
13 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी
कांग्रेस हाई कमांड ने इस मामले पर 13 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी है। 14 दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद सिद्धू दंपति के प्रियंका गांधी से मिलने की संभावना है। कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने आज दिल्ली में कांग्रेस प्रभारी भूपेश बघेल से मुलाकात की और उन्हें नवजोत कौर सिद्धू मामले से पंजाब कांग्रेस को लगे झटके और इसके राजनीतिक प्रभावों से अवगत कराया।
अनुशासन में ढिलाई पार्टी पर पड़ेगी भारी
वारिंग ने बघेल से कहा कि अनुशासन के मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई पार्टी पर भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि बघेल के साथ बैठक का उद्देश्य पार्टी की संरचना को मजबूत करना था। पंजाब कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है। नवजोत कौर सिद्धू के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि एक ही मुद्दे को बार-बार उठाना उचित नहीं है। भूपेश बघेल ने कहा कि नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है, जो अपने आप में एक बड़ी कार्रवाई है।
मीडिया के सामने चुप रहो : बघेल
बघेल ने नेताओं से इस मामले पर मीडिया के सामने चुप रहने को कहा है। इसी बीच, विधायक नवजोत कौर सिद्धू ने आज अमृतसर में सहयोगी पार्षदों और नेताओं से बातचीत की। उन्होंने कानूनी सलाहकारों से भी परामर्श लिया है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी कांग्रेस के इस विवाद से अपना राजनीतिक लाभ देख रही है। शिरोमणि अकाली दल भी इस मामले पर खुलकर नहीं बोल रहा है।
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