अमृतसर, 22 दिसम्बर : शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मनरेगा योजना में किए गए बदलावों को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि ये परिवर्तन देश के गरीब वर्ग के लिए घातक साबित होंगे। सुखबीर सिंह बादल अपनी धर्मपत्नी बीबी हरसिमरत कौर बादल के साथ सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक हुए। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्र और पंजाब सरकार पर तीखे हमले किए।
मनरेगा में 60:40 फार्मूले पर आपत्ति
सुखबीर बादल ने कहा कि मनरेगा पहले 100 प्रतिशत केंद्रीय योजना थी, जिसके तहत गरीब परिवारों को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलती थी।
लेकिन अब इसे 60:40 के अनुपात में बांटकर राज्यों पर वित्तीय बोझ डाला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्ज में डूबा पंजाब अपने हिस्से के 40 प्रतिशत योगदान देने की स्थिति में नहीं है, जिसका सीधा नुकसान मजदूरों को झेलना पड़ेगा।
पंजाब पहले ही कई योजनाओं से वंचित
अकाली दल अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की योजनाओं में राज्य का अंशदान न देने के कारण पंजाब पहले ही कई योजनाओं से बाहर हो चुका है और अब मनरेगा भी खतरे में है।
सुखबीर बादल ने केंद्र सरकार से अपील की कि मनरेगा में किए गए सभी बदलाव तुरंत वापस लिए जाएं और पुराना सिस्टम बहाल किया जाए।
साथ ही उन्होंने सभी पंजाबी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर इस फैसले का विरोध करने की अपील की।
स्थानीय चुनावों में धांधली के आरोप
इसके अलावा सुखबीर बादल ने ब्लॉक समिति और जिला परिषद चुनावों को लेकर पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अकाली दल के करीब 1100 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र जानबूझकर रद्द किए गए।बादल ने दावा किया कि कई हलकों में अकाली दल के सभी उम्मीदवारों के नामांकन रद्द कर दिए गए, ताकि सत्ताधारी पार्टी को बिना चुनाव लड़े जीत दिलाई जा सके सुखबीर बादल ने कहा कि लोकतंत्र और गरीबों के हितों से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अकाली दल हर स्तर पर इसका विरोध करेगा।
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