December 22, 2025

मनरेगा को खत्म करने के परिणाम घातक होंगे: सोनिया गांधी

मनरेगा को खत्म करने के परिणाम...

नई दिल्ली, 22 दिसम्बर : कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐतिहासिक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को समाप्त करने के फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने चेतावनी दी कि इसके परिणाम ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों के लिए बेहद घातक साबित होंगे।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित अपने लेख “The bulldozed demolition of MGNREGA” में सोनिया गांधी ने मनरेगा की समाप्ति को एक सामूहिक असफलता बताया। यह प्रतिक्रिया राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन’ (VB-G RAM G) विधेयक को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद आई है, जो मनरेगा की जगह लागू किया जाएगा।

‘सर्वोदय’ के विज़न को किया था साकार

सोनिया गांधी ने कहा कि मनरेगा ने महात्मा गांधी के ‘सर्वोदय’ के विचार को साकार किया था और संवैधानिक रूप से काम के अधिकार को लागू किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बिना किसी चर्चा, परामर्श या संसदीय प्रक्रिया का सम्मान किए इस कानून को “बुलडोज़” कर दिया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना केवल शुरुआत थी, जबकि वास्तविकता में मनरेगा की पूरी संरचना को ही नष्ट कर दिया गया है।

नया विधेयक नौकरशाही नियंत्रण वाला

VB-G RAM G विधेयक को सोनिया गांधी ने नौकरशाही नियमों का एक समूह बताया। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार अपनी मर्जी से ग्रामीण क्षेत्रों को अधिसूचित करेगी। बजट पर सीमा (कैप) लगाने से रोजगार के दिन भी लोगों की जरूरतों के बजाय केंद्र की प्राथमिकताओं पर निर्भर होंगे। उन्होंने चिंता जताई कि 60:40 के अनुपात में खर्च का बोझ राज्यों पर डालने से वे रोजगार उपलब्ध कराने से पीछे हट सकते हैं। इससे ग्रामीण गरीबों की मजदूरी बढ़ाने के लिए मोलभाव करने की शक्ति भी समाप्त हो जाएगी।

एकजुट होने की अपील

सोनिया गांधी ने कहा कि पहले तीन काले कृषि कानूनों के जरिए किसानों को निशाना बनाया गया और अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम भी खतरे में पड़ सकता है। अंत में उन्होंने जनता और सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे एकजुट होकर इन संवैधानिक और सामाजिक अधिकारों की रक्षा करें।

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