December 23, 2025

सूखी ठंड और प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता, फसलों और स्वास्थ्य पर दोहरा असर

सूखी ठंड और प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता...

गुरदासपुर, 23 दिसम्बर : गुरदासपुर ज़िले में इन दिनों सूखी और हल्की ठंड का दौर जारी है। लंबे समय से बारिश न होने के कारण सर्दी पूरी तरह से सक्रिय नहीं हो पाई है, हालांकि तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बारिश की कमी से वातावरण में धूल और मिट्टी के कण बढ़ गए हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।

हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर

ज़िले में सुबह के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 से ऊपर दर्ज किया गया, जबकि दोपहर बाद यह करीब 150 के आसपास रहा। ये दोनों स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार बारिश न होने से पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे बारीक कण हवा में अधिक मात्रा में बने रहते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है।क्षेत्र में औसत दिन का तापमान करीब 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, जबकि रात का तापमान 8 से 9 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा रहा है।

आने वाले पूरे सप्ताह तापमान इसी के आसपास रहने की संभावना है और घनी धुंध की स्थिति भी बन सकती है। मौसम विभाग के अनुसार निकट भविष्य में बारिश की संभावना कम है, हालांकि बादल छाए रहने से तापमान में और गिरावट आ सकती है।

फसलों पर पड़ रहा असर

बारिश की कमी के कारण किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेल और नहरी पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। खासकर गेहूं, सरसों और अन्य रबी फसलों को पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती है। सूखे मौसम से मिट्टी की नमी कम हो रही है, जिससे फसलों की शुरुआती बढ़वार प्रभावित हो सकती है।

कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे आवश्यकतानुसार ही सिंचाई करें और अधिक पानी देने से बचें, ताकि मिट्टी की संरचना खराब न हो और फसलों को नुकसान न पहुंचे।

मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव

बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों में आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जुकाम और अस्थमा जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। बच्चे, बुजुर्ग और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक खराब हवा में रहने से दिल और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

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