नई दिल्ली, 27 दिसम्बर : भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदायों पर जारी हिंसा गंभीर विषय है और इस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। भारत ने दोहराया कि बांग्लादेश में होने वाले आगामी संसदीय चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से कराए जाने चाहिए।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी चेयरमैन तारिक रहमान की स्वदेश वापसी पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि इस घटनाक्रम को चुनावी प्रक्रिया में सभी की भागीदारी के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
दीपु चंद्र दास की हत्या की निंदा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की हत्या की कड़ी निंदा की। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। साप्ताहिक प्रेस वार्ता में जायसवाल ने बताया कि अंतरिम सरकार के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की 2,900 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। उन्होंने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह एक झूठा नैरेटिव गढ़ने की कोशिश है।
बांग्लादेश हाई कमीशन को सौंपा गया ज्ञापन
कोलकाता में हिंदू संगठन ‘हिंदू संहति’ के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कथित हमलों के विरोध में बांग्लादेश हाई कमीशन के कार्यालय तक रैली निकाली। संगठन के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मिशन के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा। मांगों में 18 दिसंबर को दीपु चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई हत्या के दोषियों को कड़ी सजा देने और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों व उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग शामिल है।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि हाई कमीशन के अधिकारी ने उनकी मांगों को बांग्लादेश सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया है।
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