लुधियाना, 28 दिसम्बर : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) को निर्देश दिया है कि वह 2016 से पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन को अदालत के दिसंबर 2024 के आदेश के अनुसार संशोधित करे। अदालत ने अंतरिम आदेश में कहा कि यूनिवर्सिटी छह महीनों के भीतर बकाया पेंशन जारी करने के लिए आवश्यक कदम उठाए और सरकार को इसके लिए प्रस्ताव भेजे।
पेंशनरों को मिले बकाया की किस्तें
अदालत ने 19 नवंबर से एक वरिष्ठ सरकारी और यूनिवर्सिटी अधिकारियों की समिति बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद पेंशनरों को उनके बकाया की दो किस्तें दी गईं। अदालत ने स्पष्ट किया कि बकाया पेंशन के लिए पहले यूनिवर्सिटी को अपने फंड का उपयोग करना होगा और फिर सरकार से राशि की मांग की जा सकती है। इससे कर्मचारियों के हितों में देरी नहीं होगी और उन्हें उनकी पेंशन समय पर मिलेगी।
संशोधित पेंशन का आधार
यूनिवर्सिटी ने इस साल फरवरी में पेंशन में संशोधन किया था, लेकिन पेंशनरों का कहना है कि यह यूजीसी द्वारा निर्धारित नए ग्रेड के अनुसार नहीं है। अदालत के निर्देश के अनुसार, पेंशन को मूल वेतन के 2.57 गुणा से संशोधित किया जाएगा और यदि यह नए वेतन स्तर से कम है, तो इसे समायोजित किया जाएगा।
अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी। पेंशनरों और कर्मचारियों के लिए यह एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है क्योंकि इससे उनके वित्तीय हित सुरक्षित होंगे और वे अपनी पेंशन समय पर प्राप्त कर सकेंगे।
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