December 31, 2025

भाजपा ने मनरेगा को खत्म कर छीनी गरीबों के रोजगार की गारंटी- भगवंत मान

भाजपा ने मनरेगा को खत्म कर छीनी...

चंडीगढ़, 31 दिसंबर : मनरेगा की जगह लाए गए नए ‘विकसित भारत जी-राम-जी’ कानून को लेकर मंगलवार को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में जोरदार बहस हुई। मनरेगा को चालू रखने और केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलावों के विरोध में लाया गया प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि भाजपा ने मनरेगा को खत्म कर दलितों और गरीबों की रोजगार गारंटी छीन ली है।

उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार नया कानून तत्काल वापस ले और मनरेगा को फिर से लागू करे। मान ने आरोप लगाया कि इस “पाप” में अकाली दल भी भाजपा के साथ खड़ा है, इसलिए वह चुप है।

महिलाओं और अनुसूचित जातियों पर सबसे बड़ा असर

सीएम ने कहा कि केंद्र ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ कर दिया, जिससे योजना की मूल भावना ही खत्म हो गई। उनके अनुसार नया कानून गरीब मजदूरों, महिलाओं और लाखों जॉब-कार्ड धारकों से गारंटीड रोजगार और मजदूरी का अधिकार छीनता है और राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालता है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में पंजाब में मनरेगा के तहत 60% भागीदारी महिलाओं की और 70% अनुसूचित जातियों की रही। इससे साफ है कि योजना का सबसे अधिक लाभ हाशिए पर पड़े वर्गों को मिला। नए कानून से इन वर्गों की आर्थिक स्थिति और खराब होगी।

एमएसपी से लेकर मजदूरी तक—गारंटी खत्म करने का आरोप

मान ने कहा कि मनरेगा मांग-आधारित योजना थी, जबकि नई योजना मानकों पर आधारित है, जो आम जनता के हित में नहीं है। उन्होंने चेताया कि इससे रोजगार के अवसर घटेंगे और असमानता बढ़ेगी। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं दी और अब मजदूरों से काम की गारंटी भी छीन ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है।

चंडीगढ़, पंजाब विश्वविद्यालय और भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड जैसे मुद्दों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार पंजाब के अधिकारों पर चोट कर रही है और सौतेला व्यवहार अपना रही है।

कांग्रेस पर भी निशाना

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर मुद्दे से ध्यान भटकाने और स्पष्ट रुख न बताने का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए उन्हें सत्ता-लोलुप बताया। भगवंत मान ने दोहराया कि पंजाब सरकार इस कानून का पूरी ताकत से विरोध करेगी और गरीबों की गरिमा व आत्मसम्मान पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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