मेलबोर्न – ऑस्ट्रेलियाई तकनीकी विशेषज्ञों ने उल्लेखनीय कार्य किया है। ऑस्ट्रेलियाई टेक स्टार्ट-अप कॉर्टिकल लैब्स ने मानव मस्तिष्क कोशिकाओं द्वारा संचालित विश्व का पहला कंप्यूटर बनाया है। इस कंप्यूटर का नाम CL-1 है। इसकी कीमत करीब 30 लाख रुपए है। यह कंप्यूटर इस वर्ष के अंत तक बाजार में उपलब्ध हो जाएगा। यह कंप्यूटर चिकित्सा और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए डिज़ाइन किया गया है, न कि गेमिंग या सामान्य उपयोग के लिए।
सिलिकॉन हार्डवेयर का उपयोग
सीएल-1 कंप्यूटर मानव मस्तिष्क कोशिकाओं और सिलिकॉन हार्डवेयर के संयोजन का उपयोग करके बनाया गया है। इसे विशेष रूप से तंत्रिका संबंधी, मनोवैज्ञानिक और जटिल रोगों के लिए दवाओं और उपचारों के परीक्षण के लिए डिज़ाइन किया गया है।
क्या यह मनुष्यों की तरह सचेतन होगा?
सीएल-1 जैविक कंप्यूटर के संबंध में एक और प्रश्न यह है कि क्या यह किसी प्रकार की चेतना विकसित कर सकता है। इस पर विशेषज्ञ का कहना है कि फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं है। उनकी टीम बायोएथिक्स विशेषज्ञों की सहायता से लगातार इसकी निगरानी कर रही है। दूसरी ओर, स्टेम सेल अनुसंधान से जुड़ी प्रणाली केवल उत्तेजनाओं पर ही प्रतिक्रिया करती है।
सीएल-1 पशु परीक्षण का स्थान ले सकता है
इसकी मदद से कई मामलों में जानवरों पर परीक्षण को रोका जा सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह बेहतर होगा। यह नैतिक रूप से भी सही कदम होगा। 2022 में कंपनी ने डिशब्रेन नाम से एक सिस्टम बनाया, जिसने पोंग नामक वीडियो गेम खेलकर सुर्खियां बटोरीं।
जैविक प्रौद्योगिकी एआई से अलग है
कॉर्टिकल लैब्स टीम का कहना है कि उन्होंने जिस तकनीक का इस्तेमाल किया है उसे सिंथेटिक बायोलॉजिकल इंटेलिजेंस (एसबीआई) कहा जाता है। यह एआई से भिन्न है क्योंकि यह मानव मस्तिष्क जैसे जैविक पदार्थों का उपयोग करता है।

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