October 6, 2025

प्रापर्टी की खरीद फरोख्त हुई आसान, 117 वर्ष पुराने नियमों से मिलेगा छुटकारा

प्रापर्टी की खरीद फरोख्त हुई आसान...

नई दिल्ली, 28 मई : केंद्र सरकार ने संपत्ति के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने और दस्तावेजों के डिजिटल संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक का मसौदा तैयार किया है। यह नया कानून 117 वर्ष पुराने पंजीकरण अधिनियम की जगह लेगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग ने इस मसौदे को सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया है। वर्तमान में, पंजीकरण अधिनियम पूरे देश में लागू है, लेकिन राज्य सरकारों को इसमें संशोधन करने का अधिकार प्राप्त है, जिससे केंद्र के साथ परामर्श करना आवश्यक हो जाता है।

कई राज्यों ने संशोधन कर लिया है

कई राज्यों ने पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण की अनुमति देने के लिए अपने कानूनों में संशोधन कर लिया है। इस संदर्भ में, केंद्र ने एक व्यापक और समग्र कानून लाने का निर्णय लिया है, जिसे पूरे देश में समान रूप से लागू किया जा सकेगा। मसौदा विधेयक के अनुसार, विक्रय समझौता, पावर ऑफ अटॉर्नी, विक्रय प्रमाण पत्र और अन्य संबंधित दस्तावेजों का डिजिटल रूप में पंजीकरण किया जाएगा, जिससे संपत्ति के लेन-देन में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी।

आधार आधारित सत्यापन अनिवार्य है

सरकार ने आधार-आधारित सत्यापन प्रणाली का भी प्रस्ताव रखा है, जिसमें नागरिकों की सहमति अनिवार्य होगी। जो लोग अपना आधार नंबर साझा नहीं करना चाहते, उनके लिए वैकल्पिक सत्यापन किया जाएगा। इस कदम को धोखाधड़ी और जालसाजी को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। इसके अलावा, सरकार इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्रमाणपत्र और अभिलेखों के डिजिटल रखरखाव की भी अनुमति देने जा रही है। अब दस्तावेजों का ई-प्रस्तुतीकरण और पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संभव होगी।

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