चंडीगढ़, 1 जून : पंजाब पुलिस जमानत पर बाहर आए बड़े ड्रग तस्करों पर नजर रखने के लिए जीपीएस ट्रैकिंग एंकलेट्स (घड़ी जैसी डिवाइस) का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कानूनी राय और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे व्यवहार में लागू किया जाएगा। डीजीपी गौरव यादव ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस पायल का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में यूएपीए या अन्य गंभीर अपराधों में जमानत पर बाहर आए अपराधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है, जिसमें सफलता मिली है।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस भी इसका अध्ययन कर रही है। पंजाब में एक बार पकड़े जाने के बाद नशा तस्कर जेल से या जमानत पर छूटने के बाद फिर से नशे के धंधे में लग जाते हैं, इसलिए उन पर जीपीएस सिस्टम से नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस अदालत से जमानत याचिका दायर करने वाले किसी भी बड़े ड्रग तस्कर पर जीपीएस ट्रैकर लगाने की अनुमति भी मांगेगी।
जीपीएस ट्रैकर रखेगा निगरानी
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पुलिस ने सबसे पहले आतंकवाद के आरोपी गुलाम मोहम्मद भट् पर नजर रखने के लिए जीपीएस ट्रैकर लगाया था, जिसे 4 नवंबर 2023 को जमानत पर जेल से रिहा किया गया था। उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसने जमानत के लिए आवेदन किया था। एनआईए अदालत ने जमानत शर्तों में भट्ट पर कड़ी निगरानी रखने को कहा था और पुलिस को आरोपी पर जीपीएस ट्रैकर लगाने का निर्देश दिया था।
जमानत पर रिहा होने से पहले भट्ट के टखने में यह उपकरण लगाया गया था। भारत में यह इस तरह का पहला मामला था। अब तक जम्मू-कश्मीर में छह से सात मामलों में आतंकवाद के आरोपियों, आतंकवादियों और ड्रग तस्करों से संबंध रखने वालों पर जीपीएस ट्रैकर लगाए जा चुके हैं।
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