नई दिल्ली, 4 जून : जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, नौकरी की पारंपरिक परिभाषा भी उसी गति से बदल रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने कई काम आसान कर दिए हैं, लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह इंसानों की जगह ले लेगा। अगर हाल की रिपोर्ट्स पर यकीन किया जाए, तो AI अगले पांच सालों में कम से कम आठ प्रमुख क्षेत्रों में नौकरियों के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ लाखों लोग काम करते हैं – लेकिन कल का दिन आज जैसा नहीं हो सकता।
अगर समय रहते कौशल को उन्नत नहीं किया गया, तो AI सिर्फ़ मददगार ही नहीं बल्कि नौकरियों को छीनने वाला ‘भस्मासुर’ भी साबित हो सकता है। जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, नौकरी की पारंपरिक परिभाषा भी उसी गति से बदल रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने कई काम आसान कर दिए हैं, लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह इंसानों की जगह ले लेगा। अगर हाल की रिपोर्ट्स पर यकीन किया जाए, तो AI अगले पांच सालों में कम से कम आठ प्रमुख क्षेत्रों में नौकरियों के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
ये ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ लाखों लोग काम करते हैं – लेकिन कल का दिन आज जैसा नहीं हो सकता। अगर समय रहते कौशल को उन्नत नहीं किया गया, तो AI सिर्फ़ मददगार ही नहीं बल्कि नौकरियों को छीनने वाला ‘भस्मासुर’ भी साबित हो सकता है।
मानव संसाधन और भर्ती क्षेत्र
आईबीएम जैसी टेक कंपनियां पहले से ही भर्ती में एआई टूल का इस्तेमाल कर रही हैं। अब यह चलन और भी तेजी से बढ़ सकता है, जिससे पारंपरिक एचआर पेशेवरों की मांग कम हो सकती है।
ड्राइविंग और परिवहन
सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक पर काम जोरों पर है। एआई से लैस वाहन ड्राइवरों की जगह ले सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इससे लाखों ड्राइवरों के रोज़गार पर असर पड़ सकता है।
कोडिंग और सॉफ्टवेयर विकास
AI एंट्री-लेवल कोडर्स के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बन सकता है। अब, Google Gemini और GitHub Copilot जैसे टूल आसानी से बुनियादी कोडिंग कर सकते हैं।
साइबर सुरक्षा
AI अब आपका निजी साइबर सुरक्षा गार्ड बन सकता है। यह मैन्युअल साइबर सुरक्षा विश्लेषकों की ज़रूरत को कम कर सकता है।
निजी सहायक/सचिव
आभासी सहायक, जो ईमेल से लेकर दैनिक कार्यसूची तक सब कुछ संभालते हैं, भविष्य में मानव सहायकों की जगह ले सकते हैं।
बिक्री और ई-कॉमर्स
एआई ने पहले ही उत्पाद सूचीकरण, ग्राहक प्रतिक्रिया और प्रचार संदेश जैसे कार्यों में प्रवेश कर लिया है, जिससे बिक्री संबंधी नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।
रेस्तरां और भोजन सेवा
रेस्तरां अब ऑर्डर लेने, खाना परोसने और बिल बनाने के लिए AI और रोबोट का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह चलन कोलकाता से लेकर लंदन तक देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया और सामग्री प्रबंधन
ब्रांड प्रमोशन से लेकर पोस्ट शेड्यूलिंग तक, AI अब सोशल मीडिया का भी मास्टर बन रहा है। इससे कंटेंट राइटर और मैनेजर की भूमिका सीमित हो सकती है।
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