कैनबरा, 20 जून : ऑस्ट्रेलिया की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी ऑप्टस को ग्राहकों के साथ अनुचित व्यवहार के आरोपों में भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। कंपनी ने 100 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 649 करोड़ रुपये) के दंड पर सहमति जताई है। यह जानकारी ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता आयोग (ए.सी.सी.सी.) ने बुधवार को दी।
क्या है मामला?
ए.सी.सी.सी. के अनुसार, सिंगापुर की कंपनी सिंगटेल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ऑप्टस मोबाइल ने अगस्त 2019 से जुलाई 2023 के बीच ऑस्ट्रेलिया भर के 16 स्टोर्स में 400 से अधिक गरीब ग्राहकों को ऐसे फोन और कॉन्ट्रैक्ट बेचे, जिनकी उन्हें ज़रूरत नहीं थी, या वे उन्हें इस्तेमाल भी नहीं करते थे। कई ग्राहक तो ऐसे थे जो उन्हें खरीदने की आर्थिक स्थिति में नहीं थे और इस वजह से कर्जं में डूब गए।
क्या हो रही गड़बड़ी?
ऑप्टस के कर्मचारियों ने ग्राहकों पर दबाव डालकर उत्पाद बेचे, नियम व शर्तें ठीक से समझाई नहीं गईं और यह भी नहीं जांचा गया कि ग्राहकों के क्षेत्र में नेटवर्क कवरेज उपलब्ध है या नहीं। ए.सी.सी.सी. प्रमुख कैट्रियोना लोव ने इस व्यवहार को ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ बताया और कहा कि इस प्रकार का भ्रामक और दबाव डालने वाला विक्रय व्यवहार उपभोक्ता अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
अब आगे क्या?
ए.सी.सी.सी. और ऑप्टस अब संयुक्त रूप से फेडरल कोर्ट से इस उल्लंघन के लिए 100 मिलियन डॉलर के जुर्माने की स्वीकृति मांगेंगे। यह मामला ऑस्ट्रेलियाई उपभोक्ता कानून के तहत अब तक का सबसे बड़ा दंड हो सकता है, जो देश में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए एक सशक्त संकेत माना जा रहा है।
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