वाशिंगटन, 22 जून : इजरायल और ईरान के बीच 13 जून से शुरू हुए तनाव में अब अमेरिका की एंट्री हो गई है। अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर बमबारी की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की जानकारी साझा की है। ट्रंप के मुताबिक, अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है। ईरान पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच युद्ध को लेकर खुलकर बात की है।
शांति स्थपित नहीं तो तबाही होगी
डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक ईरान पिछले 40 सालों से अमेरिका के खिलाफ है और कई अमेरिकी इस नफरत का शिकार हो चुके हैं, अब ऐसा दोबारा नहीं होगा। ईरान की वजह से हजारों अमेरिकी और इजरायली नागरिकों की जान जा चुकी है, लेकिन अब ऐसा दोबारा नहीं होगा। ईरान पर अमेरिका के हमले का लक्ष्य परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म करना था। इसीलिए अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है।
देश को संबोधित करते हुए ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर ईरान में शांति स्थापित नहीं हुई तो विनाश होगा। ईरान को आगे के हमलों के लिए तैयार रहना चाहिए. भविष्य में होने वाले हमले इससे कहीं ज्यादा भयानक होंगे। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ टेलीफोन पर साक्षात्कार में ट्रम्प ने कहा, ‘ईरान को जल्द ही शांति स्थापित करनी होगी या फिर दोबारा हमला करने के लिए तैयार रहना होगा।’
फोर्डो नष्ट हो गया : ट्रम्प
ट्रंप ने कहा कि ईरान में कल रात अमेरिका ने जिन परमाणु स्थलों को निशाना बनाया, वे बहुत ही दुर्गम थे। लेकिन अमेरिकी सेना ने ऐसा करके दिखाया। अब तेहरान के सबसे महत्वपूर्ण परमाणु कार्यक्रम स्थल फोर्डो को नष्ट कर दिया गया है।
इजराइली प्रधानमंत्री प्रसन्न
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अमेरिका के इस कदम को साहसिक बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप और मेरा मानना है कि शांति ताकत से ही स्थापित होती है। पहले ताकत दिखाई जाती है और फिर शांति होती है। अमेरिका ने पूरी ताकत से ईरान के खिलाफ कार्रवाई की है।
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