मास्को/नई दिल्ली, 22 जून : दुनियां भर में लगातार बढ़ रहे तनाव और ईरान-इजरायल संघर्ष के चलते कच्चे तेल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, और अब अमेरिका भी इस लड़ाई में शामिल हो गया है, जिससे तेल बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए, भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद में तेजी ला रहा है।
केप्लर कंपनी के अनुसार, भारत जून में रूस से प्रतिदिन 2 से 2.2 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीद सकता है, जो पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक है। यह मात्रा इराक, सऊदी अरब, यूएई और कुवैत से मिलाकर खरीदे गए तेल से भी अधिक है। मई में भारत ने रूस से प्रतिदिन 1.96 मिलियन बैरल तेल खरीदा था।
अमेरिका से भी तेल आयात बढ़ा
इसके अलावा, अमेरिका से भी भारत का तेल आयात बढ़ा है, जिसमें जून में प्रतिदिन 439,000 बैरल तेल की खरीद हुई, जबकि मई में यह आंकड़ा 280,000 बैरल था। केप्लर के अनुसार, पूरे महीने में मध्य पूर्व से तेल का आयात लगभग 2 मिलियन बैरल प्रति दिन रहने की संभावना है, जो पिछले महीने की तुलना में कम है।
भारत दुनियां का तीसरा बड़ा तेल आयातक
भारत दुनियां का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश है। भारत हर दिन लगभग 5.1 मिलियन बैरल कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। इस तेल को रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है। भारत पहले मिडिल ईस्ट से ही ज्यादातर तेल खरीदता था। लेकिन फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदना शुरू कर दिया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पश्चिमी देशों ने रूस पर कई पाबंदियां लगा दी थीं। इस वजह से रूसी तेल बाकी तेलों के मुकाबले सस्ता हो गया था।
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