वॉशिंगटन, 30 जून : हाल ही में वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों के बीच हुई बातचीत से यह स्पष्ट हुआ है कि अमेरिका द्वारा किए गए हमले ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपेक्षा से कम नुकसान पहुंचाया है। इस जानकारी का खुलासा वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ईरानी अधिकारी आपस में चर्चा कर रहे थे कि अमेरिकी हमलों का प्रभाव उतना गंभीर नहीं था जितना पहले अनुमानित किया गया था। इस संदर्भ में, चार ऐसे व्यक्तियों का हवाला दिया गया है जो अमेरिकी सरकार के भीतर प्रसारित होने वाली क्लासीफाइड खुफिया जानकारी से भली-भांति परिचित हैं।
ईरानी अधिकारीयों की बात में कितनी सच्चाई?
एक अनाम स्रोत ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से उस विवरण की पुष्टि की लेकिन साथ ही कहा कि इस बात पर गंभीर सवाल हैं कि क्या ईरानी अधिकारी सच बोल रहे थे। उन्होंने इंटरसेप्ट की गई बातचीत को गैर भरोसेमंद बताया। एक वरिष्ठ अमेरिकी खुफिया अधिकारी के हवाले से अखबार ने बताया कि सिग्नल इंटेलीजेंस का एक हिस्सा ‘पूरी खुफिया तस्वीर को नहीं दिखाता है।’
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में भी संदेह
वॉशिंगटन पोस्ट की यह रिपोर्ट पहली बार नहीं है जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को हुए नुकसान के बारे में सवाल उठाए गए हैं। इससे पहले, अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा लीक किए गए एक प्रारंभिक आकलन में यह चेतावनी दी गई थी कि हाल के हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से नष्ट नहीं किया है।
इसके बजाय, यह केवल कुछ महीनों के लिए कार्यक्रम को पीछे धकेलने में सफल रहा है। इस प्रकार, यह स्पष्ट होता है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अभी भी सक्रिय है और भविष्य में इसे फिर से गति देने की क्षमता रखता है।

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