October 6, 2025

भारत भी बना रहा है अमेरिका से भी ज्यादा खतरनाक बंकर-बस्टर बम

भारत भी बना रहा है अमेरिका से भी ज्यादा...

नई दिल्ली, 1 जुलाई : 22 जून को अमेरिका ने ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र पर अपने बी-2 बमवर्षकों से बंकर-बस्टर बम (जीबीयू-57/ए मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर) गिराए थे। इस हवाई हमले में ईरान के प्रमुख परमाणु संयंत्र को भारी नुकसान पहुंचा था। दरअसल, ईरान ने फोर्डो परमाणु संयंत्र को पहाड़ों के बीच जमीन से 100 मीटर नीचे बनाया था, जिसे सामान्य विस्फोट से नुकसान नहीं पहुंच सकता।

इसीलिए अमेरिका ने इस परमाणु संयंत्र पर बंकर-बस्टर बम गिराने का फैसला किया। ये बम पहले जमीन में 60 से 70 मीटर का छेद करके घुस जाते हैं और फिर फट जाते हैं। यानी इन बमों का इस्तेमाल दुश्मन की अंडरग्राउंड फैसिलिटी को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।

भविष्य के खतरों से निपटने के लिए जरूरी

भारत ने उन्नत बंकर-बस्टर बम विकसित करने के अपने प्रयासों को भी आगे बढ़ाया है। हाल के वैश्विक संघर्षों से सीखते हुए, देश भविष्य के युद्धों के लिए एक नई और शक्तिशाली मिसाइल प्रणाली विकसित करके तैयारी कर रहा है जो दुश्मन के परमाणु प्रतिष्ठानों और अन्य रणनीतिक बुनियादी ढांचे को गहरे भूमिगत तरीके से नष्ट करने में सक्षम होगी। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का एक संशोधित संस्करण विकसित कर रहा है।

अग्नि-5 के मूल संस्करण की रेंज 5000 किलोमीटर से अधिक है और यह आमतौर पर एक परमाणु वारहेड ले जाता है। संशोधित संस्करण एक पारंपरिक हथियार होगा जो 7500 किलोग्राम का विशाल बंकर-बस्टर वारहेड ले जाने में सक्षम होगा।

100 मीटर नीचे ठिकानें होंगे नष्ट

कंक्रीट की मजबूत परतों के नीचे बने दुश्मन के सैन्य और सामरिक प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन की गई यह मिसाइल विस्फोट से पहले ज़मीन में 80 से 100 मीटर तक धंस जाएगी। भारत द्वारा इस मिसाइल का विकास अमेरिका की क्षमताओं से मेल खाने के इरादे को दर्शाता है, जिसने हाल ही में ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र पर हमला करने के लिए दुनियां के सबसे बड़े पारंपरिक बंकर-बस्टर बम, जीबीयू-57/ए का इस्तेमाल किया था। अमेरिका ने ईरानी परमाणु संयंत्र पर कुल 14 जीबीयू-57/ए बम गिराए।

भारतीय बंकर-बस्टर बमों को लांच करना होगा आसान

भारत द्वारा विकसित किए जा रहे जीबीयू-57/ए के स्वदेशी संस्करण का उद्देश्य अधिक पैठ बनाना है। अमेरिकी जीबीयू-57/ए बमों को गिराने के लिए महंगे बमवर्षक विमानों की आवश्यकता होती है। इसके विपरीत, भारत अपने बंकर-बस्टर बमों को मिसाइलों द्वारा लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए डिज़ाइन कर रहा है। यानी, भारतीय बंकर-बस्टर बमों की लॉन्च लागत कम होगी और महंगे बमवर्षक विमानों की आवश्यकता नहीं होगी। इससे भारत को वैश्विक हथियार बाजार में बड़ी बढ़त मिलेगी।

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