मंडी, (हिमाचल प्रदेश), 1 जुलाई : पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश ने मंडी जिले में जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिले भर में भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। सबसे गंभीर स्थिति कीरतपुर-मणाली फोर लेन की है, जो पंडोह से तकोली सेक्शन के बीच तीन अलग-अलग स्थानों पर भूस्खलन के कारण पूरी तरह बंद हो गई है। इन स्थानों पर लगातार मलबा गिरने के कारण आवाजाही पूरी तरह बाधित है।
840 मीटर लंबा पुल टूटा
लारजी पावर हाउस के पास स्थित पंडोह-तकोली सेक्शन का 840 मीटर लंबा एलिवेटेड पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। पुल पर एक भारी चट्टान गिरने के कारण डेक स्लैब लगभग 15 सेंटीमीटर नदी की ओर खिसक गया है, जिससे पूरा ढांचा अस्थिर हो गया है।
लोक निर्माण विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार मंडी जिले में कुल 261 सडक़ें बंद हैं, जिनमें धरमपुर डिवीजन की 60, सरकाघाट की 36, थलौट की 34, करसोग की 32 और सैराज क्षेत्र की 32 सडक़ें शामिल हैं। इसके अलावा सुंदरनगर, गोहर, मंडी-द्वितीय, जोगिंदरनगर, पधर और नेरचौक डिवीजनों में भी कई रास्ते बंद हैं।
ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली ठप
केवल सडक़ें ही नहीं, बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। जिले में कुल 1708 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। गोहर डिवीजन में सबसे ज्यादा 604 ट्रांसफार्मर, करसोग में 365, मंडी में 355, धरमपुर में 304, जोगिंदरनगर में 14, सरकाघाट में 42 और सुंदरनगर में 24 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि जब तक बारिश नहीं रुकती, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बिजली बहाली का कार्य शुरू करना जोखिम भरा होगा।
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