नई दिल्ली, 13 जुलाई : पारंपरिक चिकित्सा और आयुष ‘नवाचारों’ में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को एकीकृत करने के भारत के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि भारत ‘पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी’ शुरू करने वाला पहला देश बन गया है। ‘वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं के नवाचार प्रयासों’ के लिए एक बड़ी उपलब्धि में, डब्ल्यूएचओ ने ‘पारंपरिक चिकित्सा में मशीन इंटेलिजेंस के उपयोग को बढ़ाना’ शीर्षक से एक तकनीकी संक्षिप्त विवरण जारी किया है।
इसने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों, विशेष रूप से आयुष प्रणालियों के साथ एआई को एकीकृत करने में भारत के अग्रणी प्रयासों की प्रशंसा की है। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि इस विषय पर भारत के प्रस्ताव के बाद संक्षिप्त विवरण जारी किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप पारंपरिक चिकित्सा में एआई के उपयोग के लिए डब्ल्यूएचओ का पहला रोडमैप विकसित हुआ है
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2023 में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर कहा था कि हमने सभी के लिए AI की भावना से प्रेरित सरकारी नीतियां और कार्यक्रम विकसित किए हैं। हमारा प्रयास सामाजिक विकास और समावेशी विकास के लिए AI की क्षमता का पूरा लाभ उठाना है। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि WHO के दस्तावेज़ ने भारत द्वारा किए गए अग्रणी AI-संचालित नए प्रयासों पर प्रकाश डाला है।
इसमें पहली बार ऑरोनॉमिक्स परियोजना शामिल है, जो प्रकृति-आधारित मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करके पूर्वानुमानित निदान से आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक जीनोमिक्स को एक साथ लाती है। इस डिजिटल परिवर्तन का मूल आधार आयुष ग्रिड है। यह 2018 में लॉन्च किया गया एक व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य मंच है
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