October 6, 2025

दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र देशभर में आई.टी. विभाग का बड़ा ऑपरेशन

दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र देशभर में...

नई दिल्ली, 15 जुलाई : आयकर बचाने के लिए होम लोन के ब्याज, गंभीर बीमारी, स्वास्थ्य बीमा, राजनीतिक दलों और गैर-सरकारी समूहों को दिए जाने वाले चंदे के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों की अब खैर नहीं है। सोमवार को आयकर विभाग ने देशभर में ऐसे जालसाजों के 150 से ज्यादा ठिकानों पर गहन जांच की। यह जांच दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और मध्य प्रदेश में की गई।

धोखाधड़ी करने वालों पर नकेल

आयकर बचाने और गलत रिफंड पाने के लिए धोखाधड़ी करने वालों में बहुराष्ट्रीय और सरकारी कंपनियों के कर्मचारी, शिक्षण संस्थानों के शिक्षक और कारोबारी शामिल हैं। फर्जी दावे करने वालों के साथ-साथ उन कर पेशेवरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है, जिन्होंने इस काम में करदाताओं की मदद की थी।

इन लोगों ने मुख्य रूप से आयकर अधिनियम की धारा 80ई, 80जीजीसी, 80डी, 80ईई, 80ईईबी, 80जी, 80डीडीबी और 80जीजीए के तहत कर बचत और रिफंड का गलत दावा किया था। विभाग के अनुसार फर्जी दावों की पहचान के लिए तीसरे पक्ष से प्राप्त जानकारी के अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जमीनी जानकारी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन जानकारियों के आधार पर देश के विभिन्न राज्यों में जांच की जा रही है।

जांच में पता चला है कि करदाताओं को फर्जी स्कीम के जरिए सरकार से ज़्यादा रिफंड का वादा किया जाता है और उनकी मदद करने वाले लोग उनसे कमीशन लेते हैं। इस तरह की गतिविधियों के लिए देश भर में एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। उम्मीद है कि इस जांच से इनका पर्दाफ़ाश करने में मदद मिलेगी।

फर्जी आईटीआर दाखिल करने के लिए अस्थायी ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे वे कर विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस को पढ़ नहीं पाते। विभाग के अनुसार, करदाताओं पर पहले भरोसा करने के सिद्धांत के तहत, गलत रिटर्न दाखिल करने वालों को पहले एसएमएस और ईमेल के जरिए अलर्ट किया जाता है ताकि वे रिटर्न दाखिल कर सकें। पिछले चार महीनों में 40 हजार से ज्यादा करदाताओं ने अपने रिटर्न अपडेट किए हैं और रिफंड से जुड़े 1045 करोड़ रुपये के फर्जी दावे वापस लिए गए हैं।

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