November 21, 2025

निमिषा प्रिया की फांसी टलने की क्या है वजह? क्या अभी भी एक रास्ता बाकी है

निमिषा प्रिया की फांसी टलने की क्या है वजह...

जासं / नई दिल्ली, 15 जुलाई : यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सज़ा फिलहाल टल गई है। निमिषा प्रिया पिछले आठ सालों से यमनी जेल में बंद हैं और वहां के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हत्या के जुर्म में मौत की सज़ा सुनाई है। भारत सरकार द्वारा निमिषा प्रिया की रिहाई के तमाम प्रयासों के बावजूद, हाल ही में उनकी फांसी की तारीख 16 जुलाई, 2025 तय की गई है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि स्थानीय प्रशासन ने बुधवार को होने वाली भारतीय नर्स की फांसी की सज़ा टाल दी है। इस संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में भी एक मामला दायर किया गया था। केंद्र सरकार ने अदालत को बताया था कि चूँकि यह दूसरे देश में दायर मामला है, इसलिए सरकार ज़्यादा कुछ नहीं कर सकती।

विदेश मंत्रालय बहुत मददगार था

विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है, ‘निमिषा प्रिया मामले में भारतीय दूतावास लगातार स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है। खास तौर पर निमिषा प्रिया के परिवार को हर तरह की सलाह दी जा रही है और उन्हें यमन के कानूनी पहलुओं की भी जानकारी दी जा रही है।’ दूतावास ने निमिषा प्रिया के परिवार को पीडि़त परिवार से जोडऩे में भी अपनी भूमिका निभाई है ताकि उनके बीच सीधा संवाद हो सके। यह बेहद संवेदनशील मामला है। भारतीय अधिकारी भी स्थानीय प्रशासन और जेल अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं, जिसके चलते फांसी की तारीख फिलहाल टाल दी गई है।

‘ब्लड-मनी’ से जीवन बचाया जा सकता है

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निमिषा प्रिया की मौत की सजा पर मुहर लगाने के बाद, उसे बचाने का एकमात्र रास्ता इस्लामी कानून के अनुसार ‘ब्लड मनी’ ही है। इसके तहत, पीडि़त परिवार कुछ धनराशि लेकर निमिषा प्रिया को माफ़ कर सकता है। केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया पढ़ाई के बाद काम करने यमन चली गई थी। वहाँ उसने यमन के नागरिक तलत अब्दो मेहदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया।

मेहदी उसका आर्थिक और शारीरिक शोषण करता था। उसने प्रिया का पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज़ भी रख लिए। बाद में प्रिया ने अपने पति और बच्चे को भारत भेज दिया। यमनी अदालत में दर्ज मामले के अनुसार, भारतीय नर्स ने अपना पासपोर्ट पाने के लिए मेहदी को बेहोश करने वाला इंजेक्शन लगाया, जिससे उसकी मौत हो गई।