नई दिल्ली, 18 जुलाई : इस तथ्य के बावजूद कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और उपचार संभव है, देश भर में हर साल लगभग 80,000 महिलाएं अपनी जान गंवा देती हैं। वह भी तब जब वे अपने जीवन के चरम पर होती हैं और अपने परिवार और करियर में खुद को स्थापित कर चुकी होती हैं। यह जानकारी एम्स दिल्ली के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ. अभिषेक शंकर ने दी। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर चौथा सबसे आम कैंसर है जो ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण महिलाओं की जान ले रहा है। यह वायरस यौन संपर्क से फैलता है और लंबे समय तक गर्भाशय की परत की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचा सकता है।
खतरनाक लेकिन रोकथाम योग्य
गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का जल्द पता लगाकर इलाज किया जा सकता है। एचपीवी टीकाकरण, नियमित जांच (पैप टेस्ट, एचपीवी टेस्ट) और जागरूकता से इसके मामलों में काफी कमी आ सकती है।
डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग महिलाओं से आग्रह कर रहे हैं कि 25 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से पैप परीक्षण करवाएं, एचपीवी टीका लगवाएं, यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें, लम्बे समय तक सफेद पानी आने या पैल्विक दर्द को नजरअंदाज न करें।
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