इस्लामाबाद, 19 जुलाई : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मानसून के मौसम में भारी बारिश और बाढ़ के कारण पिछले 24 घंटों में 63 लोगों की मौत हो गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शुक्रवार को इसे इस मौसम का सबसे अधिक आपदाग्रस्त दिन बताया। स्थिति को देखते हुए, गुरुवार को पंजाब में आपातकाल घोषित कर दिया गया, जबकि निचले इलाकों में बाढ़ के बाद सेना के जवान बचाव अभियान में जुटे हुए हैं, क्योंकि भारी मानसूनी बारिश ने प्रांत में व्यापक तबाही मचाई है।
भारी बारिश के कारण रावलपिंडी शहर में आई बाढ़ से दो लोगों की मौत भी हो गई। रावलपिंडी प्रशासन ने लोगों से घरों के अंदर रहने को कहा है। सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है। मौसम विभाग ने शुक्रवार तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। अधिकारियों के अनुसार, पूरे जिले में बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।
जल एवं स्वच्छता एजेंसी (WASA) के अनुसार, रावलपिंडी में 250 मिमी से ज़्यादा बारिश हुई। सबसे ज़्यादा बारिश वाले इलाकों में चकलाला (239 मिमी), ग्वालमंडी (235 मिमी), न्यू कटरियन (220 मिमी) और पीर वदाई (200 मिमी) शामिल हैं। पीर बरखत, तेंच भाटा, आर्य मोहल्ला, ढोक सैदान, कुरैशीबाद, गरजा रोड, धामयाल, चकरी, अदियाला रोड, नदीम कॉलोनी और जावेद कॉलोनी समेत कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इन इलाकों में घरों में पानी घुस गया है, जिससे फ़र्नीचर, सामान और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
पाकिस्तान के एनडीएमए ने चेतावनी देते हुए कहा, “संवेदनशील इलाकों के निवासियों को आपात स्थिति के लिए तीन से पांच दिनों के लिए भोजन, पानी और आवश्यक दवाओं से भरी आपातकालीन किट तैयार रखनी चाहिए।” पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने एनडीएमए के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 26 जून से अब तक 180 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 70 बच्चे शामिल हैं और 500 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। पंजाब गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि मौजूदा मौसम की स्थिति मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
नदियों, नहरों और जलाशयों में जल स्तर काफी ऊँचा है और इन इलाकों में तैरने या नौका विहार करने से जानलेवा घटनाएँ हो सकती हैं। बुधवार को पंजाब प्रांत में छत गिरने और बिजली का झटका लगने समेत बारिश से जुड़ी घटनाओं में 44 लोगों की मौत हो गई, जबकि बलूचिस्तान में बारिश से जुड़ी ऐसी ही आपदाओं में 16 लोगों की मौत हो गई।
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