October 6, 2025

इस देश पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा! कुछ देर में समुद्र में डूब जाएगा ये देश

इस देश पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा...

तवालु/मेलबर्न, 20 जुलाई : प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीपीय देश तुवालु, जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों का सामना कर रहा है। बढ़ते समुद्र स्तर ने इसके लोगों को जीवित रहने के लिए देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। दुनिया में पहली बार, एक पूरा देश ‘नियोजित प्रवास’ से गुज़र रहा है।

आधी आबादी ने ऑस्ट्रेलिया में शरण मांगी

ऑस्ट्रेलिया ने 16 जून से 18 जुलाई 2025 के बीच तुवालु के लिए विशेष जलवायु वीज़ा के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। केवल एक महीने में, 5,157 तुवालुवासियों ने ऑस्ट्रेलिया में बसने के लिए आवेदन किया। यह संख्या देश की कुल जनसंख्या (लगभग 11,000) का लगभग आधा है। अब हर साल 280 तुवालु नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया में स्थायी निवास की अनुमति होगी। वहाँ उन्हें ऑस्ट्रेलिया में काम करने, पढ़ाई करने, स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने और नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार होगा।

समुद्र तुवालु की भूमि को निगल रहा है

तुवालु नौ छोटे एटोल (प्रवाल द्वीप) से बना एक देश है जिसकी औसत ऊँचाई केवल 2 मीटर है। पिछले 30 वर्षों में समुद्र का स्तर 15 सेंटीमीटर (6 इंच) बढ़ गया है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि:
– 2050 तक देश का 50% हिस्सा प्रतिदिन जलमग्न हो सकता है।
– 2100 तक 90% भूमि समुद्र में डूब सकती है।
समुद्र का खारा पानी अब मीठे पानी के स्रोतों में घुस रहा है, जिससे न सिर्फ़ पीने का पानी, बल्कि खेती भी प्रभावित हो रही है। लोगों को ज़मीन के ऊपर फ़सलें उगानी पड़ रही हैं, लेकिन यह समाधान अस्थायी है।

तुवालु-ऑस्ट्रेलिया संधि: ‘फ्लैपिली संघ’

2023 में, तुवालु और ऑस्ट्रेलिया के बीच फ्लैपिली यूनियन नामक एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जो 2024 में लागू हुआ। यह जलवायु संकट से प्रभावित एक संप्रभु देश के नागरिकों के व्यवस्थित और कानूनी पलायन का प्रावधान करने वाला दुनिया का पहला समझौता है।

चिंता का विषय: प्रतिभा पलायन और असमानता

हर साल सीमित संख्या में लोगों को प्रवास की अनुमति देने से यह भी खतरा है कि सबसे योग्य, शिक्षित और कुशल लोग पहले चले जाएँगे। पीछे छूट गए लोगों के लिए तुवालु में जीवन और भी कठिन हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक ‘सम्मानजनक प्रवास’ है, लेकिन अगर अगले 10 सालों में देश की 40% आबादी पलायन कर जाती है, तो यह प्रतिभा पलायन का एक बड़ा उदाहरण बन सकता है।

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