October 6, 2025

रिपोर्ट में दावा, ट्रंप के ‘टैरिफ बम’ से अमेरिका में बढ़ेगी महंगाई

रिपोर्ट में दावा, ट्रंप के 'टैरिफ बम' से...

नई दिल्ली, 1 अगस्त : डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25% टैरिफ का सबसे ज़्यादा असर अमेरिका पर पड़ेगा। इससे महंगाई बढ़ेगी और अमेरिकी परिवारों का औसत सालाना खर्च 2400 डॉलर (करीब 2.09 लाख रुपये) बढ़ सकता है। यह चौंकाने वाली जानकारी भारतीय स्टेट बैंक की एक रिसर्च रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बढ़ा हुआ बोझ सभी परिवारों पर एक जैसा नहीं पड़ेगा।

कम आय वाले अमेरिकी परिवारों को लगभग 1300 डॉलर (1.13 लाख रुपये) का नुकसान हो सकता है, जो अमीर परिवारों के मुकाबले तीन गुना ज़्यादा तनावपूर्ण होगा। वहीं, अमीर परिवारों को भी लगभग 5000 डॉलर (4.37 लाख रुपये) का नुकसान हो सकता है। एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि, “ट्रंप के टैरिफ के कारण औसत अमेरिकी परिवार को अल्पावधि में लगभग 2,400 डॉलर यानी 2.09 लाख रुपये का नुकसान होगा।”

अमेरिका को भारत से अधिक नुकसान

एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि नए व्यापार विवाद से भारत से ज़्यादा अमेरिका को नुकसान होगा। इसकी वजह यह है कि अमेरिका इस समय कमज़ोर डॉलर, ऊँची मुद्रास्फीति और बढ़ते मूल्य दबाव जैसी आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले से ही धीमी जीडीपी वृद्धि और बढ़ती मुद्रास्फीति से जूझ रही है, जिसके चलते इस व्यापारिक माहौल से और ज़्यादा नुकसान होने की संभावना है।

आयात पर निर्भर क्षेत्रों की कीमतें बढ़ेंगी

ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ़ कीमतों को बढ़ा सकते हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जो आयात पर बहुत अधिक निर्भर हैं, जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता वस्तुएँ (टीवी और रेफ्रिजरेटर जैसी टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएँ)। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका में मुद्रास्फीति पहले से ही बढ़ने के संकेत दे रही है, और टैरिफ़ 2026 तक प्रभावी रहने की संभावना है। इससे मुद्रास्फीति अमेरिकी फेडरल रिजर्व के 2% लक्ष्य से ऊपर रहने की संभावना है।

पूरे अमेरिका पर दबाव, लेकिन भारत पर कम

एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इन टैरिफ से न सिर्फ़ घरेलू खर्च बढ़ेगा, बल्कि पूरी अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी दबाव पड़ेगा। जीडीपी में 40 से 50 आधार अंकों की गिरावट आने की संभावना है। क्योंकि, इनपुट लागत बढ़ेगी और मुद्रास्फीति के कारण उपभोक्ता माँग कमज़ोर रहेगी। वहीं दूसरी ओर, भारत पर इसका असर उम्मीद से कम रहेगा।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जिसका वित्त वर्ष 2025 में कुल निर्यात में लगभग 20% हिस्सा था। हालाँकि, भारत ने अपने निर्यात पोर्टफोलियो में काफी विविधता ला दी है। भारत के कुल निर्यात का लगभग 53% अमेरिका सहित शीर्ष 10 देशों को जाता है। यह विविधता भारत को सुरक्षा प्रदान करेगी और निर्यात पर प्रभाव सीमित रहेगा।

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