बदायूं, 2 अगस्त : उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में महज 10,000 रुपये मासिक वेतन पर काम करने वाले एक युवक को 4.82 करोड़ रुपये की सीजीएसटी देनदारी का नोटिस मिला है। नोटिस ने युवक को सदमे में डाल दिया है। मामला कथित तौर पर फर्जी फर्म पंजीकरण और पहचान दस्तावेजों के दुरुपयोग से जुड़ा है। नौशेरा गांव निवासी राम बाबू स्थानीय सोनू मेडिकल स्टोर में सेल्समैन का काम करते हैं। परिजनों के मुताबिक राम बाबू ऑनलाइन नौकरी खोज रहे थे।
इस दौरान एक अनजान लड़की ने उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने उनका आधार और पैन कार्ड ले लिया। बाद में उनके नाम पर ‘पाल एंटरप्राइज’ नाम की एक फर्म पंजीकृत की गई और इसके जरिए 27 करोड़ रुपये का फर्जी कारोबार दिखाया गया। इस दौरान रिटर्न दाखिल न करने पर सीजीएसटी विभाग ने राम बाबू को 4.82 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस जारी किया।
जब विभाग के अधिकारी नोटिस लेकर युवक के घर पहुँचे, तो उनके होश उड़ गए। उसकी आर्थिक हालत देखकर अधिकारी भी दंग रह गए। राम बाबू के पिता बदन सिंह ने कहा कि उनके बेटे के साथ धोखा हुआ है और असली आरोपियों को पकड़ा जाना चाहिए। इस मामले पर टैक्स विशेषज्ञ जतिंदर गुप्ता ने कहा कि अक्सर सी.जी.एस.टी. में फर्मों के पंजीकरण के दौरान कोई भौतिक सत्यापन (सर्वेक्षण) नहीं किया जाता, जिसके कारण इस तरह की धोखाधड़ी बढ़ रही है।
इस मामले में भी दस्तावेज़ों का दुरुपयोग करके बड़ा कारोबार दिखाया गया, जिससे राम बाबू जैसे गरीब युवक पर करोड़ों की कानूनी देनदारी आ गई है। उन्होंने आशंका जताई कि भविष्य में राम बाबू को आयकर विभाग का नोटिस भी मिल सकता है। फिलहाल विभागीय जाँच चल रही है। जानकारों और परिजनों की माँग है कि पीड़ित को आरोपों से मुक्त किया जाए और असली आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
More Stories
सुरक्षा बलों की गोलीबारी में हुई मौतों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए: वांगचुक
बिहार चुनाव से पहले 62,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू होंगी
‘संभल मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई नहीं रुकेगी’ : हाईकोर्ट