October 6, 2025

पाकिस्तान में हिंदू-ईसाई अल्पसंख्यकों के लिए हालात नर्क से भी बदतर

पाकिस्तान में हिंदू-ईसाई अल्पसंख्यकों के...

इस्लामाबाद: अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल की ताज़ा रिपोर्ट ने पाकिस्तान में सफ़ाई कार्यों में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में हाशिए पर पड़े समुदायों के शोषण के लिए एक व्यवस्था तैयार की गई है। इन समुदायों को बुनियादी श्रम अधिकार और मानवीय समानता तक हासिल नहीं है। एमनेस्टी ने अल्पसंख्यकों के इस दुष्चक्र में फँसने को लेकर भी चेतावनी दी है।

पाकिस्तानी मानवाधिकार समूह सेंटर फॉर लॉ एंड जस्टिस के सहयोग से तैयार की गई एमनेस्टी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सफाई के काम में लगे ईसाइयों और हिंदुओं को निचली जातियों का माना जाता है और उन्हें खतरनाक, कम वेतन वाले काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। सेंटर फॉर लॉ एंड जस्टिस के सहयोग से तैयार की गई यह रिपोर्ट लाहौर, बहावलपुर, कराची, उमरकोट, इस्लामाबाद और पेशावर के 230 कर्मचारियों के साक्षात्कारों पर आधारित है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में जाति और धर्म हावी है। केवल 44 प्रतिशत सफाई कर्मचारी ही स्थायी हैं, जबकि 45 प्रतिशत के पास कोई दस्तावेज़ नहीं हैं। इस वजह से नगर निगम के अधिकारी उन्हें कोई लाभ नहीं देते। 55 प्रतिशत कर्मचारी त्वचा रोग से लेकर सांस संबंधी बीमारियों से ग्रस्त हो चुके हैं। वहीं, 70 प्रतिशत का कहना है कि वे अमानवीय परिस्थितियों में काम करने से इनकार भी नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें तुरंत नौकरी से निकाल दिया जाएगा। पाकिस्तान के संविधान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव रोकने का कोई प्रावधान नहीं है।