नई दिल्ली, 12 अगस्त : कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश के जबलपुर ज़िले की सिहोरा तहसील के महगवां केवलारी गाँव के पास बेला ग्राम पंचायत में सोने का एक बड़ा भंडार मिलने की पुष्टि हुई है। कई वर्षों की कड़ी मेहनत और सर्वेक्षण के बाद भूवैज्ञानिकों ने यहाँ ज़मीन के नीचे भारी मात्रा में सोने जैसी कीमती धातु की मौजूदगी की संभावना जताई है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह क्षेत्र पहले से ही खनिज संपदा से भरपूर रहा है, लेकिन अब सोने की खदान की खोज राज्य की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव ला सकती है। शुरुआती सर्वेक्षण में पता चला है कि यह भंडार लगभग 100 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और इसमें लाखों टन सोना हो सकता है। इस खोज से न केवल स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे, बल्कि इससे राज्य और देश की अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी।
इसके अलावा, भारत में और भी कई जगहें हैं जहाँ धरती सोना उगलती है। आइए जानते हैं देश की 5 सबसे बड़ी सोने की खदानों के बारे में, जहाँ से अब तक सबसे ज़्यादा सोना निकाला गया है।
भारत के पास कितना स्वर्ण भंडार है?
सोना भारतीय संस्कृति, परंपरा और निवेश का एक अहम हिस्सा है। शादियों से लेकर त्योहारों तक, यह धातु हमेशा से लोगों की पसंदीदा रही है। 31 मार्च, 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कुल अनुमानित स्वर्ण भंडार लगभग 879.58 मीट्रिक टन है। इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि सोने के मामले में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है।
देश की प्रमुख सोने की खदानें, जहाँ धरती सोना उगाती है
भारत में कई ऐसी सोने की खदानें हैं जो न केवल ऐतिहासिक हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी अहम भूमिका निभाती हैं। आइए जानते हैं देश की पाँच सबसे बड़ी और प्रसिद्ध सोने की खदानों के बारे में:
1- हट्टी गोल्ड माइंस, कर्नाटक- इसे भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी सोने की खदान माना जाता है। इसका इतिहास लगभग 2000 साल पुराना है। यहाँ से हर साल लगभग 1.8 टन सोना निकाला जाता है। यह खदान अभी भी पूरी तरह से सक्रिय है और सोने का एक प्रमुख स्रोत बनी हुई है।
2- कोलार गोल्ड फील्ड्स (KGF), कर्नाटक- यहाँ सोने का खनन 1880 में ब्रिटिश शासन के दौरान शुरू हुआ था। 2001 तक यहाँ से लगभग 800 टन सोना निकाला जा चुका था। फ़िलहाल यह बंद है, लेकिन आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके इसे फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही है।
3- सोनभद्र, उत्तर प्रदेश- यहाँ वर्ष 2020 में संभावित स्वर्ण भंडार की खोज की गई थी। माना जा रहा है कि यहाँ भारी मात्रा में सोना छिपा हो सकता है। अगर यह खोज सफल रही, तो यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश का स्वर्ण केंद्र बन सकता है।
4- रामगिरी गोल्ड फील्ड, आंध्र प्रदेश- यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से सोने की खोज के लिए जाना जाता है। यहाँ सोने की अच्छी संभावनाएँ भी देखी गई हैं, जो भविष्य में खनन कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं।
5- चिगरगुंटा-बिसनाथम, आंध्र प्रदेश- यह क्षेत्र अपने स्वर्ण भंडार के लिए भी जाना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यहाँ से होने वाला स्वर्ण उत्पादन देश की कुल आपूर्ति में अच्छा योगदान दे सकता है।
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