वाशिंगटन, 18 अगस्त : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिका दौरे पर अलास्का गए। इस दौरान पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच 3 घंटे चली मुलाकात ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं। हालांकि, इस बीच पुतिन को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, अलास्का की अपनी यात्रा पर पहुँचे पुतिन अपने साथ एक ‘पूप सूटकेस’ भी लाए थे। यह सूटकेस उनके अंगरक्षकों के हाथ में था, जिसमें पुतिन का मल इकट्ठा किया जा रहा था।यह खबर थोड़ी अजीब लग सकती है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी वजह है। दरअसल, पिछले काफी समय से पुतिन के बीमार होने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में पुतिन नहीं चाहते कि उनकी कथित बीमारी के बारे में किसी को कुछ पता चले। यही वजह है कि पुतिन ने अमेरिका में अपना मल-मूत्र त्यागना भी उचित नहीं समझा।
अंगरक्षक ने पूप का सूटकेस ले लिया था।
2007 के बाद यह पहला मौका था जब कोई रूसी राष्ट्रपति अमेरिका आया था। ऐसे में रूसी खुफिया एजेंसियों ने पुतिन की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पुतिन को चारों तरफ से अंगरक्षकों ने घेर रखा था। उनमें से एक अंगरक्षक तो मल से भरा सूटकेस भी ले जाते हुए देखा गया।
रिपोर्टें पहले ही सामने आ चुकी हैं।
पेरिस मैच और यूएस एक्सप्रेस की रिपोर्टों के अनुसार, पुतिन का मल-मूत्र संग्रह रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफपीएस) की एक टीम द्वारा किया जाता है। पुतिन के अंगरक्षकों के पास एक विशेष प्रकार का बैग होता है जिसमें वे रूसी राष्ट्रपति का मानव मल-मूत्र इकट्ठा करते हैं और उसे अपने साथ रूस ले जाते हैं। यह पहली बार नहीं है जब पुतिन से जुड़ी ऐसी खबरें सामने आ रही हैं। इससे पहले भी 2017 में पुतिन की फ्रांस यात्रा के दौरान ऐसी खबरें देखने को मिली थीं। इसके साथ ही, पुतिन ने वियना यात्रा के दौरान भी पोर्टेबल टॉयलेट का इस्तेमाल किया था।
क्या कारण हो सकता है?
रूस के राष्ट्रपति बनने के बाद, पुतिन ने 1999 से ही यह प्रथा शुरू कर दी है। लेकिन सवाल यह है कि पुतिन ऐसा क्यों करते हैं? दरअसल, लंबे समय से ऐसी खबरें आ रही हैं कि पुतिन किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। 2023 में बेलारूस के राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान पुतिन को एक झटका भी लगा था।
हालाँकि, रूसी राष्ट्रपति भवन ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। हालाँकि, एक्सप्रेस यूएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन पार्किंसंस जैसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी से पीड़ित हैं। यही वजह है कि पुतिन किसी भी देश में अपना मल-मूत्र भी नहीं छोड़ते, ताकि किसी को पुतिन की बीमारी के बारे में पता न चल सके।
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