चंडीगढ़, 24 अगस्त : पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर चल रही तनातनी के बीच अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली से आठ लाख राशन कार्ड हटाने का आदेश दिया था, जिसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ कहा है कि सरकार एक भी राशन कार्ड नहीं काटेगी। उनका कहना है कि इस आदेश से पंजाब के 32 लाख लोग प्रभावित होंगे क्योंकि हर कार्ड से चार से पांच लोग जुड़े हैं।
भाजपा न केवल ‘वोट चोर’ हैं बल्कि ‘राशन चोर’ भी
केंद्र के इस फैसले पर भाजपा को ‘राशन चोर’ बताते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि वे न केवल ‘वोट चोर’ हैं बल्कि ‘राशन चोर’ भी हैं लेकिन हम एक भी नाम नहीं हटाएंगे। वह इस मामले में केंद्र को पत्र लिख रहे हैं। अगर केंद्र फिर भी नाम हटाता है तो हम अपनी सरकारी खरीद एजेंसी पनसप के जरिए लोगों को राशन मुहैया कराएंगे। हम केंद्र सरकार से छह महीने का समय मांगेंगे।
हम अपने विभाग से इन कार्डों की जांच कराएंगे ताकि पता चल सके कि ऐसा कोई व्यक्ति तो नहीं है जिसका राशन कार्ड नहीं बन सकता और बन गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि जिन लोगों के नाम काटे जा रहे हैं, उनके पास कार, सरकारी नौकरी, 25 लाख रुपये का टर्नओवर और 2.5 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन है। उन्होंने कहा कि राज्य में 1.53 करोड़ लाभार्थी हैं। हमने 1.29 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन कर लिया है। हम छह महीने में बाकी का भी सत्यापन कर लेंगे।
उन्होंने केंद्रीय योजनाओं में अपनाए गए मानदंडों पर भी आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मेरे पिता शिक्षक थे और मेरे चाचा किसान। अगर मेरे पिता अलग हो गए और राशन कार्ड मेरे पिता के नाम पर था, तो क्या इसका मतलब यह था कि मेरे चाचा को बिना राशन के रहना पड़ेगा?
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