बेंगलुरु, 25 अगस्त : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को गगनयान मिशन के लिए विकसित पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली का परीक्षण करने के लिए पहला एकीकृत एयर-ड्रॉप परीक्षण (IADT-01) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। यह पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली क्रू मॉड्यूल को पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से उतारने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि यह एंड-टू-एंड प्रदर्शन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के पास आयोजित किया गया। यह अभ्यास इसरो, भारतीय वायु सेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम
गगनयान परियोजना का उद्देश्य भारत की अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की क्षमता को सिद्ध करना है। यह भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम होगा, जिसमें चालक दल की सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण प्रणालियों का परीक्षण करने के लिए पूर्व-नियोजित मानवरहित मिशन शामिल होंगे।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले, सुभांशु शुक्ला ने भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन को आगे बढ़ाने में मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सात विशेष परीक्षण किए थे। इनमें मांसपेशियों की क्षति को डिकोड करना, ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफ़ेस विकसित करना और अंतरिक्ष में मूंग और मेथी के बीज उगाना जैसे प्रयोग शामिल थे।
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