October 6, 2025

भारत पर लगेगा 50% टैरिफ, अमेरिका ने जारी की अधिसूचना

भारत पर लगेगा 50% टैरिफ, अमेरिका ने...

नई दिल्ली, 26 अगस्त : अमेरिका ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने की योजना की घोषणा की है। यह वही टैरिफ है जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कर चुके हैं। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने एक मसौदा नोटिस जारी कर इसकी रूपरेखा प्रस्तुत की है। यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते की कोशिशें ठप होती दिख रही हैं।

नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह बढ़ा हुआ टैरिफ भारत से उन उत्पादों पर लागू होगा जो 27 अगस्त, 2025 को रात 12:01 बजे (पूर्वी डेलाइट समय) के बाद उपभोग के लिए आयात किए जाते हैं या गोदाम से निकाले जाते हैं।

ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की घोषणा की थी, जो रूस से तेल खरीद के कारण लगाया जा रहा है। अमेरिका में इसके लिए समय सीमा 27 अगस्त को समाप्त हो रही है।

पुतिन पर दबाव बनाने की ट्रम्प की योजना

अमेरिका का उद्देश्य इस टैरिफ के माध्यम से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाना है ताकि वह यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए वार्ता की मेज पर आ सकें। अमेरिका रूस के तेल व्यापार को रोकने की कोशिश कर रहा है और भारत पर यह टैरिफ उसी रणनीति का हिस्सा है। लेकिन भारत ने इन तथाकथित द्वितीयक टैरिफ को अनुचित बताया है और अपने हितों की दृढ़ता से रक्षा करने की घोषणा की है।

भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को भारत के ऊर्जा विकल्पों का पुरज़ोर बचाव किया।उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने के कारण भारत को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि चीन और यूरोपीय देशों जैसे प्रमुख आयातक देशों की ऐसी कोई आलोचना नहीं की गई है। जयशंकर ने इसे “तेल विवाद” कहकर गलत बयानी बताया और भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर ज़ोर दिया।

किसानों और छोटे व्यवसायों का हित सर्वोपरि है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। अहमदाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “किसानों, पशुपालकों और छोटे उद्योगों का हित मोदी के लिए सर्वोपरि है। हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम हर कठिनाई को सहन करेंगे।”

उन्होंने शहर में कई नागरिक परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। अपने वक्तव्य में, प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान कृष्ण और महात्मा गांधी का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत चक्रधारी श्रीकृष्ण और चरखाधारी महात्मा गांधी की शक्ति से सशक्त है। उन्होंने संदेश दिया कि भारत अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।

जयशंकर ने अमेरिका को दिया जवाब

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट रूप से व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा नीतियों और राष्ट्रीय हितों के आधार पर निर्णय लेता रहेगा। जयशंकर ने ज़ोर देकर कहा कि रूस से तेल ख़रीदने के लिए भारत को दोष देना ग़लत है, क्योंकि दूसरे बड़े देश भी ऐसा ही कर रहे हैं, लेकिन उन पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा है। भारत की सामरिक स्वतंत्रता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि देश अपने हितों से समझौता नहीं करेगा।

यह भी देखें : एयरटेल का बड़ा कदम! कस्टमर केयर से बात करने के लिए देने होंगे पैसे