नई दिल्ली, 28 अगस्त : डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ बम लगाने के बाद पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। खुद अमेरिकी सांसद ट्रंप के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और इसे अमेरिकियों के हितों के खिलाफ बता रहे हैं। हालांकि, ट्रंप इस बात पर अड़े हैं कि भारत द्वारा रूसी तेल खरीद पर टैरिफ लगाना सही है।
रूसी तेल खरीदने पर धमकियाँ
इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार ने भी भारत सरकार को रूसी तेल ख़रीदने के ख़िलाफ़ चेतावनी दी है। अमेरिकी राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हैसेट ने चेतावनी दी है कि अगर भारत रूसी कच्चे तेल का व्यापार बंद नहीं करता है, तो अमेरिकी राष्ट्रपति किसी भी तरह से टैरिफ़ नहीं हटाएँगे।
केविन हैसेट ने भारत पर लगाए ये आरोप
केविन हैसेट ने भारत सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता भी अब ‘जटिल’ हो गई है और भारत अमेरिकी उत्पादों के लिए अपना बाजार खोलने में ‘अड़ियल’ रवैया अपना रहा है।
ट्रम्प झुकने वाले नहीं हैं।
हैसेट ने आगे कहा, “अगर भारत नहीं झुकता, तो मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति ट्रंप भी झुकेंगे।” अमेरिका ने बुधवार को भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया, जो ब्राज़ील को छोड़कर किसी भी देश के लिए सबसे ज़्यादा है। इसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की ख़रीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है।
भारत का रुख क्या है?
भारत ने कहा है कि वह अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों के हितों से “कभी समझौता नहीं” करने की कसम खाई है।
सरकार का अनुमान है कि इन शुल्कों से अमेरिका को भारत से होने वाले 48.2 बिलियन डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा।
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