October 6, 2025

बाढ़ का पानी उतरने से थोड़ी राहत मिली, लेकिन चुनौतीयां बरकरार

बाढ़ का पानी उतरने से थोड़ी राहत...

लुधियाना, 8 सितम्बर : विनाशकारी बाढ़ के बाद बांधों में जलस्तर घटने लगा है, जिसके चलते सतलुज और ब्यास नदियों में पानी की रिहाई कम होने लगी है। आज सतलुज में पांच हजार क्यूसेक और ब्यास नदियों में 15 हजार क्यूसेक पानी कम किया गया। पहाड़ों से बांधों में पानी की आवक भी कम हो गई है। पंजाब सरकार और आम लोगों का पूरा ध्यान अब घग्गर और सतलुज के बांधों को मजबूत करने पर केंद्रित हो गया है।

घग्गर का खतरा अभी टला नहीं

घग्गर का खतरा अभी टला नहीं है, जिसके चलते लोगों की चिंताएं भी जस की तस हैं। भाखड़ा बांध का जलस्तर अब 1677.59 फीट और पौंग बांध का 1392.06 फीट रह गया है। इसी तरह रणजीत सागर बांध का जलस्तर 524.683 मीटर रह गया है। हरिके में अब केवल 2.60 लाख क्यूसेक पानी बचा है, जो पहले साढ़े तीन लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था। बेशक चिंताएं अभी कम नहीं हुई हैं, लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाकों में हालात सामान्य होने लगे हैं।

रावी और ब्यास नदियों से राहत

खासकर रावी और ब्यास नदियों से राहत मिलनी शुरू हो गई है। राहत कार्य तेज हो गए हैं। मौसम विभाग ने सोमवार को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश की संभावना जताई है। जिन गांवों में पानी कम हुआ है, वहां के लोग घरों को लौटने लगे हैं। घग्गर का डर अभी भी बरकरार है। पहाड़ों से घग्गर में पानी की आवक बहुत कम हो गई है, लेकिन टांगरी और मारकंडा के पानी ने संगरूर, पटियाला और मानसा के लोगों की सांसें रोक रखी हैं।

हरियाणा से यह पानी घग्गर में मिल रहा है। टांगरी से 56 हजार क्यूसेक और मारकंडा से 45 हजार क्यूसेक पानी घग्गर में मिल रहा है। घग्गर पर आज हरचंदपुरा बांध टूटने का खतरा था, लेकिन सेना के जवानों और आम लोगों ने तुरंत बांध को मजबूत कर दिया। अगर आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो घग्गर की स्थिति नियंत्रण में आ सकती है।

पंचायत विभाग को सबसे अधिक नुकसान हुआ

पंजाब सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ से ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को सबसे ज़्यादा 5043 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पंजाब सरकार द्वारा केंद्रीय टीमों को दिए गए ज्ञापन में कुल 13 हज़ार करोड़ रुपये के नुकसान का ज़िक्र किया गया है। इसमें फ़सल मुआवज़े के तौर पर 1858 करोड़, जल संसाधन विभाग का 1520 करोड़, पंजाब मंडी बोर्ड का 1022 करोड़ और कृषि विभाग का 317 करोड़ रुपये बताया गया है। स्कूलों का नुकसान 542 करोड़ रुपये बताया गया है।

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