न्यूयॉर्क, 15 सितंबर : 33 साल से अमेरिका में रह रही 73 वर्षीय सिख महिला हरजीत कौर को कैलिफ़ोर्निया के इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने से सिख समुदाय और प्रवासी भारतीयों में रोष फैल गया है। उनके परिवार ने उनकी रिहाई की मांग की है। हरजीत कौर के परिवार, इंडिविज़िबल वेस्ट कॉन्ट्रा कोस्टा काउंटी और सिख सेंटर ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। अमेरिकी सांसद जॉन गार्मंडी, स्थानीय प्रतिनिधियों और कई नेताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
गौरतलब है कि हरजीत कौर को इस हफ्ते की शुरुआत में नियमित जाँच के दौरान इमिग्रेशन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) अधिकारियों ने हिरासत में लिया था। उन्हें बेकर्सफ़ील्ड स्थित एक हिरासत केंद्र में ले जाया गया है।
हरजीत कौर पिछले 30 सालों से अमेरिका के उत्तरी कैलिफ़ोर्निया के ईस्ट बे में रह रही हैं। उनके दो पोते और तीन पोतियाँ हैं। वह एक दशक से भी ज़्यादा समय से नियमित इमिग्रेशन जाँच (जो हर छह महीने में होती है) करवा रही हैं। उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
शरण आवेदन 2012 में खारिज कर दिया गया था
रिपोर्ट के अनुसार, हरजीत कौर के पास कोई दस्तावेज़ नहीं थे। वह एक अवैध प्रवासी हैं। वह 1992 में दो बेटों के साथ अकेली माँ के रूप में भारत से अमेरिका आई थीं। उनकी बहू मंजीत कौर ने बताया कि हरजीत कौर का शरण आवेदन 2012 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन तब से वह 13 सालों से हर छह महीने में सैन फ्रांसिस्को स्थित आईसीई जाती रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट में गरमंडी के हवाले से कहा गया है कि उनके कार्यालय ने आईसीई से हरजीत कौर को उसके परिवार से मिलाने का अनुरोध किया है। गरमंडी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी आव्रजन नीति में बुरे लोगों को हटाने का वादा किया था। फिर भी ट्रंप प्रशासन ने 73 वर्षीय महिला को हिरासत में रखने का फैसला किया, जिसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। हमारा कार्यालय उसके परिवार की मदद के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
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