नई दिल्ली, 29 अगस्त : केंद्र सरकार के ऑनलाइन गेमिंग विधेयक को पहली बार कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ा है। राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलने के बाद, ऑनलाइन गेमिंग कंपनी A23 ने इसे कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। कंपनी का तर्क है कि यह कानून रम्मी और पोकर जैसे कानूनी कौशल-आधारित खेलों को अपराध बनाता है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार सभी ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए संसद में ऑनलाइन गेमिंग बिल लेकर आई थी। हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस बिल को मंज़ूरी दे दी है। इसके बाद से ड्रीम11, माय11 सर्कल, विंजो, ज़ूपी, नज़ारा जैसी कंपनियाँ मुश्किल में हैं। सरकार का तर्क है कि इन प्लेटफॉर्म्स से आतंकवादियों को फंड मिलता था और पैसों की बर्बादी से आम लोगों की ज़िंदगी बर्बाद हो रही है।
‘गेमिंग कंपनियां रातोंरात बंद हो जाएंगी’
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रम्मी और पोकर गेम चलाने वाली कंपनी A23 कंपनी ने एक अदालती दस्तावेज़ में कहा है कि यह कानून कौशल-आधारित ऑनलाइन गेम खेलने के वैध व्यवसाय को अपराध बनाता है, जिससे कई गेमिंग कंपनियाँ रातोंरात बंद हो जाएँगी। A23 कंपनी ने कहा कि नया कानून राज्य की पितृसत्ता की उपज है। कंपनी ने माँग की है कि रम्मी और पोकर जैसे कौशल-आधारित खेलों पर लागू होने पर इस कानून को असंवैधानिक घोषित किया जाए।
ड्रीम11 ने खुद को विरोधियों से दूर रखा
नए क़ानून को लागू करने वाली कंपनी ड्रीम11 के सह-संस्थापक हर्ष जैन ने एक इंटरव्यू में कहा, “कंपनी का नए क़ानून का विरोध करने का कोई इरादा नहीं है। मुझे लगता है कि सरकार ने साफ़ कर दिया है कि वे इस समय इसे नहीं चाहते। मैं अतीत पर ध्यान नहीं देना चाहता। हम पूरी तरह से भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और सरकार से किसी ऐसी चीज़ पर नहीं लड़ना चाहते जो वे नहीं चाहते।” जैन ने कहा था कि प्रतिबंध से प्रभावित होने के बावजूद, वे कर्मचारियों की छंटनी नहीं करेंगे।
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