टेक्सास, 19 सितंबर : अमेरिका के टेक्सास में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ गूगल सर्च इंजन ने एक 6 साल के बच्चे की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई। व्हिटेन डैनियल नाम के इस बच्चे को अचानक तेज़ सिरदर्द और चक्कर आने लगे। शुरुआत में डॉक्टरों ने इसे फ्लू समझा और इलाज शुरू कर दिया, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही उसकी हालत बेहद गंभीर हो गई। बच्चे ने बोलना, चलना और साँस लेना भी बंद कर दिया था, उसे तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया।
बाद में पता चला कि विटन को फ्लू नहीं, बल्कि मस्तिष्क में एक गुहिका संबंधी विकृति थी। यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएँ असामान्य रूप से फट जाती हैं। बच्चे को बार-बार स्ट्रोक और दौरे पड़ने लगे। डॉक्टरों ने परिवार को चेतावनी दी कि अगर बच्चा बच भी गया, तो भी वह कभी सामान्य जीवन नहीं जी पाएगा।
गूगल ने दी उम्मीद
निराशा के एक क्षण में, बच्चे की माँ, केसी डैनियल, ने इस बीमारी के बारे में गूगल पर खोज शुरू की। खोज के दौरान, उन्हें ह्यूस्टन के यूटीहेल्थ अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. जैक्स मोरकोस का एक लेख मिला, जो इस बीमारी के विशेषज्ञ थे। माँ ने तुरंत उन्हें ईमेल करके मदद माँगी। कटर ने तुरंत जवाब दिया और विटन को ह्यूस्टन ले जाया गया, जहाँ चार घंटे की जटिल सर्जरी की गई।
यह सफल रही और कुछ ही घंटों में बच्चा फिर से साँस लेने और बोलने लगा। यह कहानी साबित करती है कि सही जानकारी और हिम्मत से कुछ भी संभव है। गूगल सर्च और माँ के साहस ने मिलकर एक नन्हे बच्चे की जान बचाई।
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